उम्रकैद की सजा के साथ ही बलात्कारी सेंगर की जाएगी विधायकी

By Team MyNation  |  First Published Dec 21, 2019, 8:39 AM IST

कोर्ट ने नाबालिग लड़की से बलात्कार के मामले में कुलदीप सेंगर को उम्र कैद की सजा सुनाई है। हालांकि चार दिन पहले ही तय हो गया था कि कोर्ट सेंगर को कड़ी सजा सुनाएगी। कोर्ट ने उम्र कैद की सजा के साथ ही उस पर 25 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया है। ये जुर्माना पीड़िता को मुआवजे के तौर पर दिया जाएगा। हालांकि सेंगर के पास हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट जाने का अवसर है। 

नई दिल्ली। उन्नाव के गैंगरेप के आरोपी और बांगरमऊ से भाजपा के निलंबित विधायक कुलदीप सेंगर को दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट उम्र कैद की सजा सुनाई है। यही नहीं विधायक को पीड़िता लड़की को 25 लाख का मुआवजा भी देना होगा। यही नहीं कोर्ट से सजा सुनाए जाने के बाद सेंगर की विधायकी भी रद्द हो जाएगी।

कोर्ट ने नाबालिग लड़की से बलात्कार के मामले में कुलदीप सेंगर को उम्र कैद की सजा सुनाई है। हालांकि चार दिन पहले ही तय हो गया था कि कोर्ट सेंगर को कड़ी सजा सुनाएगी। कोर्ट ने उम्र कैद की सजा के साथ ही उस पर 25 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया है। ये जुर्माना पीड़िता को मुआवजे के तौर पर दिया जाएगा। हालांकि सेंगर के पास हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट जाने का अवसर है। हालांकि माना जा रहा है कि मामले की गंभीरता को देखते हुए उसे वहां से राहत मिलने की कम ही उम्मीद है।

फिलहाल कोर्ट के आदेश के बाद अब सेंगर की विधायक भी निलंबित हो जाएगी। क्योंकि उसे उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। जो सेंगर के लिए बड़ा झटका है। हालांकि भाजपा ने सेंगर को पार्टी से पहले ही निलंबित कर दिया है। जानकारों का कहना है कि कोर्ट के फैसले की आधिकारिक कॉपी मिलते ही विधानसभा सचिवालय सेंगर की सदस्यता खत्म कर देंगे और इसके बाद इसके लिए चुनाव आयोग नोटिफिकेशन जारी करेगा। चुनाव आयोग बांगरमऊ विधानसभा सीट को खाली घोषित करते हुए उसके चुनाव की घोषणा करेगा।

दोषी साबित होने के बाद अब कुलदीप सेंगर जेल से चुनाव नहीं लड़ पाएगा। गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद उन्नाव गैंगरेप का मामला सीबीआई को ट्रांसफर कर दिया गया था। जबकि इससे पहले एसआईटी इस मामले की जांच कर रही थी। लेकिन जब पीडिता का कार एक्सीडेंट हुआ तो इस मामले में तूल पकड़ा और सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में सीबीआई को जांच करने का आदेश दिया गया। इसके बाद इस मामले को दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट में ट्रांसफर कर दिया गया।

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