Madhya Pradesh Election Result: मध्य प्रदेश में जनादेश बीजेपी के पक्ष में गया है 230 सीटों में से बीजेपी ने 163 सीटों पर जीत हासिल की है। ऐसे में सवाल खड़ा हो रहा है पीएम मोदी के चेहरे पर लड़ा गया यह चुनाव जीत के बाद किसके पक्ष में जाता है यानी मध्य प्रदेश का अगला सीएम कौन होगा।
Madhya Pradesh Election Result: पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव में से चार राज्यों के रिजल्ट आ चुके हैं जहां राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में कमल खिला है। जबकि दक्षिण भारत के राज्य तेलंगाना में कांग्रेस ने बाजी मारी है। लेकिन इन सब में सबसे ज्यादा चर्चा मध्य प्रदेश की हो रही है जहां पर कांग्रेस जीत को लेकर आश्वस्त थी लेकिन सीएम शिवराज सिंह चौहान की योजनाओं और पीएम मोदी के चेहरे ने परिणाम बदल कर रख दिए।
लाडली बहन योजना रही गेम चेंजर
शिवराज सिंह चौहान और बीजेपी के लिए जनता के कल्याण की नीतियां गेम चेंजर साबित हुई। जिम लाडली बहन योजना प्रमुख है। इस योजना का पूरा श्रेय शिवराज सिंह चौहान को जाता है। शिवराज सिंह चौहान ने जब से सत्ता संभाली थी तब से वह आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारी कर रहे थे, उन्होंने कार्यकाल के दौरान आदिवासी वोटर पर पूरा फोकस किया और ऐसी कई योजनाएं लागू की जो सीधे गरीब वर्ग से जुड़ी हुई थीं।
शिवराज सिंह चौहान बनेंगे सीएम या फिर किसी दूसरे को मौका?
मध्य प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की धमाकेदार जीत के बाद एक सवाल यही खड़ा हो रहा है कि अब एमपी का अगले मुख्यमंत्री का ताज किसके सिर सजेगा? मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की वापसी होगी या फिर किसी ने चेहरे को मौका दिया जाएगा। रिपोर्ट्स की माने तो लिस्ट में पहले नंबर पर शिवराज सिंह चौहान का ही नाम है। जबकि ज्योतिरादित्य सिंधिया, कैलाश विजयवर्गीय ,नरेंद्र सिंह तोमर, प्रहलाद पटेल समेत कई नेता मुख्यमंत्री पद की रेस में नजर आ रहे हैं ।
2018 में कांग्रेस ने पूर्ण बहुमत से बनाई थी सरकार
गौतरतलब है, पिछले चुनाव यानी 2018 में कांग्रेस ने 230 में से 116 सीट हासिल कर पूर्ण बहुमत से सरकार बनाई थी। उस वक्त कांग्रेस के सीएम कमलनाथ थे लेकिन 2020 में ज्योतिरादित्य सिंधिया की बगावत के बाद फ्लोर टेस्ट में कमलनाथ सरकार फेल हो गई थी और बीजेपी ने सत्ता वापसी की थी। ऐसे में कांग्रेस के पास मध्य प्रदेश में वापस आने का अच्छा मौका था हालांकि पीएम मोदी के चेहरे और सीएम शिवराज सिंह चौहान की योजनाओं के आगे कांग्रेस धराशाही हो गई।
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