रुवार को भारतीय जनता पार्टी ने मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के लिए प्रत्याशियों की पहली लिस्ट जारी कर दी है। इन दोनों राज्यों में अभी तक चुनावों की घोषणा भी नहीं हुई है लेकिन बीजेपी ने पहला कदम बढ़ाते हुए एमपी में 39 और छत्तीसगढ़ में 21 उम्मीदवारों की लिस्ट घोषित कर दी है।
नेशनल डेस्क। मध्य प्रदेश,छत्तीसगढ़रा और राजस्थान में साल के आखिरी तक चुनाव होने हैं। इन चुनावों को लोकसभा चुनाव से पहले का सेमीफाइनल माना जा रहा है। गुरुवार को भारतीय जनता पार्टी ने मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के लिए प्रत्याशियों की पहली लिस्ट जारी कर दी है। इन दोनों राज्यों में अभी तक चुनावों की घोषणा भी नहीं हुई है लेकिन बीजेपी ने पहला कदम बढ़ाते हुए एमपी में 39 और छत्तीसगढ़ में 21 उम्मीदवारों की लिस्ट घोषित कर दी है। इस बार पार्टी ने अपनी कमजोर कड़ियों पर फोकस करते हुए कई नए चेहरों पर दांव आजमाया है।
जहां हारी बीजेपी उस सीट पर फोकस
बता दें, मध्य प्रदेश के 39 उम्मीदवारों में से 5 और छत्तीसगढ़ के 21 प्रत्याशियों में से 5 उम्मीदवार महिला हैं। ध्यान देने वाली बात यह है कि ये वही वैसी सीटें हैं जहां पर कांग्रेस ने बीजेपी को पटखनी दी थी। ऐसे में उन सभी सीटों पर बीजेपी ने तैयारियां शुरू कर दी है। पीएम मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, और जेपी नड्डा की अगुवाई में केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक के बाद इन सीटों का ऐलान किया गया है।
सीटों का 4 श्रेणियों में विभाजन
केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में सीटों को चार श्रेणी A,B,C,D बांटा गया है। इसी आधार पर पहली लिस्ट में शामिल सीटों का ऐलान किया गया। ए कैटिगरी में वे सीटें आती हैं जिनमें बीजेपी मजबूत है। जबकि बी में उन सीटों को रखा गया है जहां पर बीजेपी एक बार हार चुकी है। सी कैटेगरी में वे सीटें हैं जहां पर बीजेपी प्रत्याशी दो से ज्यादा बार हारे हैं। डी कैटेगरी में वे सीटें हैं जहां पर बीजेपी कभी नहीं जीती या शायद ही कभी जीती हो। वहीं अधिकांश घोषित किए गए उम्मीदवार सी और डी कैटेगरी के हैं।
2018 में छत्तीसगढ़ में बीजेपी का क्लीन स्वीप
गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ में ज्यादा सीटों पर जिला पंचायत के प्रतिनिधियों को टिकट दिया गया है। यानी पुराने चेहरों की जगह नए चेहरे पर दाग लगाया गया है। प्रत्याशियों की लिस्ट में चार उम्मीदवार साहू समुदाय से और दो कर्मी समुदाय से हैं। यह दोनों समुदाय राज्य में अन्य पिछड़ा वर्ग यानी (ओबीसी) में प्रमुख हैं। बता दें ,2018 में छत्तीसगढ़ की सभी सीटों पर भगवा पार्टी को हार का सामना करना पड़ा था। 19 सीटों पर कांग्रेस ने जीत हासिल की थी तो दो सीटों पर मरवाही और खैरागढ़ जीसीसी (जी) के खाते में गई थी हालांकि दोनों सीटों पर उपचुनाव में कांग्रेस ने जीत दर्ज की थी। इसलिए छत्तीसगढ़ के समीकरण को देखते हुए भाजपा ने उम्मीदवारों की घोषणा जल्दी कर दी ताकि प्रत्याशियों को लोगों के बीच जाने और उनसे जुड़ने का पर्याप्त समय मिल सके।
मध्य प्रदेश की 39 सीटों पर पुराने चेहरों पर भरोसा
मध्यप्रदेश में इस वक्त बीजेपी की सरकार है और पार्टी ने 39 सीटों के लिए प्रत्याशियों की घोषणा की है। यह वही सीटें हैं जब 2018 में हुए इस चुनाव में बीजेपी को हार का मुंह देखना पड़ा था। इससे पहले 2013 में बीजेपी को इन सीटों पर कुछ में जीत मिली थी लेकिन बीजेपी की कमजोर पकड़ के चलते समय से पहले यहां पर उम्मीदवारों की घोषणा की गई। लिस्ट पर गौर करें तो एससी एसटी उम्मीदवारों के लिए आरक्षित कई सीटों पर बीजेपी ने 12 ऐसे प्रत्याशियों पर दांव लगाया है जो पिछले चुनाव में हार गए थे।
कांग्रेस को मात देगा बीजेपी का मास्टर प्लान ?
छत्तीसगढ़ में इस वक्त कांग्रेस की सरकार है और पाटन विधानसभा सीट हमेशा से हॉट सीट रही है। इस सीट का असर हर चुनाव में देखने को मिलता है और परिणाम में हर बार उलट फेर होता है। एक बार फिर इस सीट पर चाचा-भतीजे का मुकाबला देखने को मिलेगा। कारण, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के सामने बीजेपी ने उनके भतीजे और सांसद विजय बघेल को मैदान में उतारा है। जबकि मध्य प्रदेश में पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह के भाई लक्ष्मण सिंह की चांचोडा विधानसभा सीट से प्रियंका मीणा पर दांव लगाया है। प्रियंका मीणा की पति आईआरएस ऑफिसर हैं और दिल्ली में पोस्टेड हैं। मीणा एक बार बीजेपी की एमएलए भी रह चुकी हैं जिन्हें 2018 में दिग्विजय सिंह के छोटे भाई लक्ष्मण सिंह ने विधानसभा चुनाव में हराया था।
ये भी पढ़ें- मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ में BJP ने फूंका चुनावी बिगुल, जारी की उम्मीदवारों की लिस्ट