सिंधिया ने आज पहली बार राज्यसभा सांसद के रूप में शपथ ली। हालांकि इस बार शपथ ग्रहण सभापति के कक्ष में संचालित किया गया। इस दौरान सिंधिया का सामना उनके कांग्रेस के पुराने साथी और प्रतिद्वंदी कांग्रेस के दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह से हुआ।
नई दिल्ली। राज्यसभा में आज एक दिलचस्प नजारा देखने को मिला जब भारतीय जनता पार्टी के नवनियुक्त राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया और कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य आमने सामने आए। दोनों ने एक दूसरे का हाथ जोड़कर अभिवादन किया। हालांकि राज्यसभा में ऐसा पहली बार देखने को मिला है। लेकिन मध्य प्रदेश की सियासत में दोनों एक दूसरे के खिलाफ कई बार आमने सामने आए।
सिंधिया ने आज पहली बार राज्यसभा सांसद के रूप में शपथ ली। हालांकि इस बार शपथ ग्रहण सभापति के कक्ष में संचालित किया गया। इस दौरान सिंधिया का सामना उनके कांग्रेस के पुराने साथी और प्रतिद्वंदी कांग्रेस के दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह से हुआ। राज्य की सियासत में दिग्विजय और कमलनाथ के साथ सिंधिया का विरोध जग-जाहिर है। सिंधिया ने एक तरह से दिग्विजय सिंह के कारण ही कांग्रेस से बगावत कर भाजपा का दामन थामा था। क्योंकि कांग्रेस पार्टी सिंधिया की जगह दिग्विजय सिंह को राज्यसभा में भेजने का फैसला कर चुकी थी। वहीं राज्य में सीएम की कुर्सी से सिंधिया को दूर करने में दिग्विजय सिंह की अहम भूमिका रही थी। क्योंकि राज्य में दिग्विजय सिंह ने कमलनाथ के साथ मिलकर राज्य में सिंधिया को सियासत से अलग-थलक कर दिया था।
राज्यसभा में आज जब ज्योतिरादित्य सिंधिया का सामना दिग्विजय सिंह से हुआ तो दोनों ही एक दूसरे को नजरअंदाज न कर सके और हाथ जोड़कर एक दूसरे का अभिववाद किया। इस दौरान कोरोना संकट के लिए जारी नियमों के तहत दोनों ने ही चेहरे पर मास्क लगाए दिखाई दिए। राज्यसभा में आज इस दौरान आज कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद के साथ ही कर्नाटक से राज्यसभा सांसद मल्लिकार्जुन खड़गे भी मौजूद थे।
सिंधिया ने मार्च को कांग्रेस से इस्तीफा
दे दिया था और इसके बाद राज्य में सिंधिया समर्थक 22 विधायकों ने भी पार्टी छोड़ दी थी। इसके बाद राज्य में कांग्रेस की कमलनाथ सरकार गिर गई थी। वहीं भाजपा में शामिल होने के बाद भी कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह उन पर प्रहार करते आए हैं और पिछले दिनों ही राज्य में शपथ ग्रहण समारोह के बाद सिंधिया ने कहा था कि टाइगर अभी जिंदा है।