शिवराज के कैबिनेट विस्तार में महाराज का पेंच

ऐसी चर्चा है राज्य में शिवराज सिंह की अगुवाई वाली भाजपा सरकार का रविवार को कैबिनेट विस्तार हो सकता है। अभी तक शिवराज सिंह ने ही मुख्यमंत्री की शपथ ली है और वह सरकार चला रहे हैं।  जिसको लेकर कांग्रेस ने सरकार पर आरोप लगाना शुरू कर दिया है कि वह सिंधिया समर्थकों को जगह नहीं दे पा रही है।  वहीं राज्य में कोरोना संकट को देखते हुए शिवराज भी कैबिनेट विस्तार चाहते हैं। 

Maharaj s screw in Shivraj cabinet expansion

नई दिल्ली।  मध्य प्रदेश की एक महीने पुरानी शिवराज सरकार का कैबिनेट विस्तार रविवार को हो सकता है। माना जा रहा है कि इसमें कम से कम मंत्री शपथ लेंगे। लेकिन कैबिनेट विस्तार में सबसे बड़ा पेंच महाराज यानी ज्योतिरादित्य सिंधिया है। क्योंकि सिंधिया चाहते हैं कि कैबिनेट विस्तार में उनके उन समर्थक नेताओं को  शामिल किया जाए जो पूर्व की कमलनाथ सरकार में मंत्री थे। जबकि भाजपा के दिग्गज नेता कैबिनेट में शामिल होना चाहते हैं।

Maharaj s screw in Shivraj cabinet expansion

ऐसी चर्चा है राज्य में शिवराज सिंह की अगुवाई वाली भाजपा सरकार का रविवार को कैबिनेट विस्तार हो सकता है। अभी तक शिवराज सिंह ने ही मुख्यमंत्री की शपथ ली है और वह सरकार चला रहे हैं।  जिसको लेकर कांग्रेस ने सरकार पर आरोप लगाना शुरू कर दिया है कि वह सिंधिया समर्थकों को जगह नहीं दे पा रही है।  वहीं राज्य में कोरोना संकट को देखते हुए शिवराज भी कैबिनेट विस्तार चाहते हैं। लेकिन शिवराज कैबिनेट में कुछ ही मंत्रियों को शामिल करना चाहते हैं। शिवराज कोरोना संकट के दूर होने के बाद अच्छे तरीके से कैबिनेट विस्तार के पक्ष में हैं। ताकि विपक्ष दल कांग्रेस इसे मुद्दा न बनाए।

उपमुख्यमंत्री को भी लेकर फंसा पेंच

शिवराज सिंह सरकार के कैबिनेट विस्तार में उपमुख्यमंत्री का भी पेंच फंसा हुआ है। क्योंकि सरकार बनाने में अहम भूमिका निभाने वाले नरोत्तम मिश्रा और गोपाल भार्गव उपमुख्यमंत्री के दावेदार हैं। जबकि सिंधिया समर्थक भी उपमुख्यमंत्री का दावा कर रहे हैं।

सिंधिया के तर्क

सिंधिया के तर्क हैं कि कांग्रेस को छोड़कर भाजपा में आने वाले नेताओं को फिर जनता के दरबार में जाना है। क्योंकि अगले छह महीने में इन लोगों को चुनाव लड़ना है। अगर पूर्व मंत्रियों को कैबिनेट में शामिल नहीं किया गया तो जनता के बीच कांग्रेस बड़ा मुद्दा बनाएगी। लिहाजा पूर्व मंत्रियों को शामिल कर उनका सम्मान बरकरार रखा जाए। वहीं सिंधिया का ये भी कहना है कि कैबिनेट में उनके 22 पूर्व विधायकों में से कम से कम दस पूर्व विधायकों को कैबिनेट में शामिल किया जाए अगर ऐसा संभव नहीं है तो पांच पूर्व मंत्रियों को कैबिनेट में शामिल किया जाए। कैबिनेट विस्तार में अपने समर्थकों को शामिल करने के लिए सिंधिया भाजपा के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित  शाह और वर्तमान अध्यक्ष जेपी नड्डा से भी मिल चुके हैं। वहीं सिंधिया समर्थक भोपाल से लेकर दिल्ली तक सक्रिय हैं। ताकि कैबिनेट विस्तार में जगह मिल सके।

vuukle one pixel image
click me!