महाराष्ट्र भाजपा में खुलकर आई कलह, खडसे बोले टिकट काटने में फडणवीस का हाथ

By Team MyNation  |  First Published Jan 3, 2020, 7:43 AM IST

भाजपा में पिछले दो महीने से ही कलह उभर कर आ रही है। वहीं राज्य में सरकार न बनाने के बाद कई नेता खुलकर सामने आ रहे थे, हालांकि किसी ने नाम को सार्वजनिक नहीं किया था। लेकिन खडसे ने नाम जगजाहिर कर इस कलह को सार्वजनिक कर दिया है। खडसे ही नहीं पंकजा मुंडे ने भी आरोप लगाए थे कि उन्हें हराने में पार्टी के नेताओं का हाथ रहा है और उन्हें परोक्ष तौर पर फडणवीस पर निशाना साधा।

मुंबई। महाराष्ट्र में हुए विधानसभा चुनाव के दो महीने के बाद भाजपा में खुलकर कलह सामने आने लगी है। भाजपा नेता नेता और पूर्व मंत्री एकनाथ खडसे ने विधानसभा में उनका टिकट काटने के पीछे पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और वरिष्ठ नेता गिरीश महाजन की भूमिका बताई है। ऐसा पहली बार हो रहा है जब खडसे खुलेतौर पर फडणवीस का नाम ले रहे हैं। हालांकि सडसे की जगह उनकी बेटी को चुनाव में टिकट दिया गया था लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा है।

भाजपा में पिछले दो महीने से ही कलह उभर कर आ रही है। वहीं राज्य में सरकार न बनाने के बाद कई नेता खुलकर सामने आ रहे थे, हालांकि किसी ने नाम को सार्वजनिक नहीं किया था। लेकिन खडसे ने नाम जगजाहिर कर इस कलह को सार्वजनिक कर दिया है। खडसे ही नहीं पंकजा मुंडे ने भी आरोप लगाए थे कि उन्हें हराने में पार्टी के नेताओं का हाथ रहा है और उन्हें परोक्ष तौर पर फडणवीस पर निशाना साधा। हालांकि पिछले दिनों बागी तेवर दिखाने के बाद पंकजा अभी शांत हैं।

लेकिन खडसे के सार्वजनिक तौर पर नाम लेने के बाद माना जा रहा है कि पंकजा भी फडणवीस के खिलाफ मोर्चा खोल सकती हैं। खडसे ने कहा कि कुछ लोग उनका राजनीतिक करियर खत्म करना चाहते हैं। असल में पूर्व की भाजपा सराकर में खडसे को एक घोटाले के आरोप में कैबिनेट से निकाल दिया था जबकि खडसे फडणवीस सरकार में सबसे वरिष्ठ मंत्री माने जाते थे। यही नहीं पंकजा मुंडे के भी फडणवीस के साथ छत्तीस का आंकड़ा रहा। लिहाजा चुनाव हारने के बाद उन्होंने बागी तेवर अपनाए हैं।

एक टीवी चैनल को दिए गए इंटरव्यू में भाजपा के वरिष्ठ नेता ने कहा कि फडणवीस और गिरीश महाजन ने उन्हें जलगांव जिले में मुक्तैनगर विधानसभा सीट से टिकट दिए जाने का विरोध किया था। जिसके कारण उनका टिकट काटा गया। हालांकि खडसे की बेटी रोहिणी खडसे को मुक्तैनगर से टिकट दिया, लेकिन वह शिवसेना के बागी चंद्रकांत पाटिल से हार गईं। जबकि चुनाव में शिवसेना और भाजपा का गठबंधन था। 

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