
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर विरोधी अक्सर आरोप लगाते हैं, कि वह हिंदुओं की भावनाओं का ख्याल नहीं रखतीं। शायद ममता दी भी यह आरोप सुनकर थक गई हैं। इसलिए अब वो भगवा रंग में रंगने की तैयारी कर रही हैं।
या फिर यूं कहिए कि चुनाव सामने देखकर उन्होंने हिंदू वोटों को साधने की राजनीति शुरु कर दी है। दुर्गापूजा जल्दी ही आने वाली है, इस दौरान पूरा पश्चिम बंगाल पूजा के माहौल में रंग जाता है। इसलिए ममता ने इसे ही आधार बनाकर अपनी चाल चल दी है।
ममता बनर्जी ने राज्य की करीब 25 हजार दुर्गा पूजा कमेटियों की पहली बार आर्थिक मदद की सौगात देने का फैसला किया है। माना जा रहा है, कि ममता बनर्जी ने बीजेपी के उन आरोपों को खारिज करने की कोशिश की है, जिनमें उन पर अल्पसंख्यकों के तुष्टिकरण का आरोप लगाया है।
पश्चिम बंगाल में आयोजित एक कार्यक्रम में ममता बनर्जी ने कहा कि सरकार ने दुर्गा पूजा कमेटियों को सामुदायिक विकास कार्यक्रमों के लिए दस-दस हजार रुपये की मदद देने का निर्णय लिया है।
पूरे पश्चिम बंगाल में तकरीबन 25 हजार दुर्गा पूजा कमेटियां हैं, जिसमें से लगभग तीन हजार तो सिर्फ राजधानी कोलकाता में ही हैं। इन सभी को दस-दस हजार रुपये की मदद दी जाएगी। इस मद में सरकार का लगभग 28 करोड़ रुपया खर्च होगा।
हिंदू वोटों को लुभाने के लिए ममता सरकार ने दूसरी रियायतें देने की भी घोषणा की है। जैसे इस बार से पूजा कमेटियों से फायर लाइसेंस शुल्क भी नहीं वसूला जाएगा और बिजली के बिल में छूट भी मिलेगी। खबर आ रही है कि इन कमेटियों को सीधा कोलकाता नगर निगम के जरिए मदद दी जाएगी।
पिछले साल दुर्गापूजा के दौरान भारी विवाद हो गया था। क्योंकि मुहर्रम और दुर्गा पूजा मूर्ति विसर्जन का वक्त एक साथ पड़ा था। इस दौरान दुर्गा पूजा मूर्तियों के विसर्जन को लेकर पश्चिम बंगाल सरकार ने तरह-तरह की बंदिशें लगाईं थीं। जिससे मामला कोलकाता हाई कोर्ट पहुंच गया था। विपक्ष ने इसे मुद्दा बनाकर ममता बनर्जी पर अल्पसंख्यकों के तुष्टीकरण का आरोप लगाया था।
लेकिन तब चुनाव दूर था। इसलिए ममता बनर्जी ने रिस्क ले लिया था और अब चुनाव सिर पर हैं, इसलिए हिंदुओं को लुभाना उनकी जरुरत बन गई है।