अब पश्चिम बंगाल में 2021 में होने वाले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और वाम मोर्चा मिलकर चुनाव लड़ेंगे। इस गठबंधन को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने मंजूरी दे दी है। हालांकि अभी राज्य में तीन सीटों पर उपचुनाव होने हैं। जिसके लिए राज्य में कांग्रेस-वाम मोर्चा का गठबंधन बना है। इसके बाद विधानसभा चुनाव में ये गठबंधन जारी रहेगा। तीन सीटों पर हो रहे उपचुनाव में एक सीट पर वामदल और दो सीटों पर कांग्रेस लड़ेगी।
नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री को एक और बड़ा झटका दिया है। सोनिया गांधी में पश्चिम बंगाल में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए वामदलों के साथ गठबंधन को मंजूरी दे दी है। जबकि सोनिया के अध्यक्ष बनने के साथ ही ममता बनर्जी की पार्टी के नेताओं की कांग्रेस के साथ गठबंधन की बातचीत चल रही थी।
अब पश्चिम बंगाल में 2021 में होने वाले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और वाम मोर्चा मिलकर चुनाव लड़ेंगे। इस गठबंधन को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने मंजूरी दे दी है। हालांकि अभी राज्य में तीन सीटों पर उपचुनाव होने हैं। जिसके लिए राज्य में कांग्रेस-वाम मोर्चा का गठबंधन बना है। इसके बाद विधानसभा चुनाव में ये गठबंधन जारी रहेगा। तीन सीटों पर हो रहे उपचुनाव में एक सीट पर वामदल और दो सीटों पर कांग्रेस लड़ेगी।
इसके लिए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पश्चिम बंगाल कांग्रेस अध्यक्ष सोमेन मित्रा को हरी झंडी दे दी है। असल में राज्य में वामदल और कांग्रेस दोनों अपने अस्तित्व बचाने को लड़ रही हैं। लोकसभा चुनाव में राज्य में कांग्रेस को दो सीट मिली जबकि भाजपा को 18 और तृणमूल कांग्रेस को 22 सीटें मिली हैं। लिहाजा अब कांग्रेस वामदलों से गठबंधन कर राज्य में विस्तार करने की योजना बना रही हैं।
असल में राज्य में टीएमसी भी भाजपा की बढ़ती ताकत को देखते हुए विपक्षी दलों का एक संयुक्त मोर्चा बनाने की रणनीति पर काम रही हैं। लेकिन इन दोनों दलों टीएमसी की इस मांग को खारिज कर दिया। लिहाजा ममता बनर्जी अकेले चुनाव लड़ने की तैयारी में है। इसके लिए ममता गांव गांव जा रही हैं और इसके लिए ममता बनर्जी ने चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर को अपना सलाहाकर नियुक्त किया है। इसी रणनीति के तहत ममता जनता से संपर्क बनाने के लिए सक्रिय हो रही हैं।