Manipur Violence: मणिपुर में हालात एक बार फिर से बिगड़ गए हैं। दो छात्रों की मौत से राज्य में हिंसा सुलग उठी है। सरकार ने पहाड़ी क्षेत्रों में AFSPA को छह महीनों तक के लिए बढ़ा दिया है। साथ ही मामले की जांच CBI को सौंप दी है।
इंफाल। मणिपुर में चार महीने से जारी हिंसा अभी तक नहीं थमी है। एक बार फिर राज्य हिंसा भी भेंट चढ़ गया। पहाड़ी इलाकों में लागू किया गया AFSPA को सरकार ने 6 महीने के लिए बढ़ा दिया है हालांकि 19 थाना क्षेत्रों को इस दायरे से बाहर रखा गया है। मणिपुर में बीते दिन दो लापता छात्रों की मौत से राज्य में एक बार फिर हिंसा हुई। सरकार ने अशांत क्षेत्रों में इंटरनेट बैन कर दिया है। वहीं गुस्साए छात्रों ने मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के आवास तक मार्च शुरू किया। इस दौरान सुरक्षाबलों ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे।
1 अक्टूबर से प्रभावी होगा आदेश
बता दें, सरकार द्वारा लागू किया गया आसपा का आदेश 1 अक्टूबर से प्रभावी होगा। इंफाल, लाम्फेल, शहर, सेकमई, पास्टल, वांगोई, पोरोम्पट, हीनगांग, लामलाई, इरिबुंग, थौबल आदि जगहों को अशांत घोषित नहीं किया गया है।
CBI करेगी मामले की जांच
मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने X पर जानकारी दी कि मामले की जांच CBI को सौंप दी गई है। अन्य ट्वीट में उन्होंने लिखा कि, लापता छात्रों के निधन की खबर दुखद है। मैं राज्य के लोगों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि केंद्र और राज्य सरकार अपराधियों को पकड़ने के लिए मिलकर काम कर रही है। पीड़ितो को न्याय जल्द मिलेगा।
In light of the distressing news that emerged yesterday regarding the tragic demise of the missing students, I want to assure the people of the State that both the state and central government are closely working together to nab the perpetrators.
To further expedite this crucial…
आखिर क्या है पूरा मामला ?
दरअसल, 6 जुलाई कोगायब हुए मैतई समुदाय के दो स्टूडेंट्स की हत्या की तस्वीरें 26 सितंबर को सोशल मीडिया पर वायरल हो गईं। जिसके बाद हिंसा भड़क गई। गुस्साए छात्र सड़कों पर उतर आए और मुख्यमंत्री के घर की ओर जाने लगे। इसी दौरान सुरक्षाबलों ने आंसू गैस के गोल छोड़कर तितर-बितर किया। मृतक स्टूडेंट्स की पहचान हिजाम लिनथोइनगांगी और हेमजीत के तौर पर हुई है।