आईएएस से नेता बने शाह फैसल को सियासी तंज पड़ा उल्टा, शहीद की मां से मिली नसीहत

By Arjun Singh  |  First Published May 17, 2019, 2:48 PM IST

जम्मू-कश्मीर में नई पार्टी बनाने वाले आईएएस के टॉपर रहे शाह फैसल के ट्वीट का शहीद मेजर अक्षय गिरीश की मां ने दिया जवाब। कहा, जन्मदिन की शुभकामनाएं लेकिन फैला सकते हो तो अमन और देशभक्ति फैलाओ। 

आईएएस की नौकरी छोड़कर राजनीति में उतरने वाले शाह फैसल को सेना के एक शहीद अधिकारी की मां ने बड़ी नसीहत दी है। अपने जन्मदिन से एक दिन पहले शाह फैसल ने एक ट्वीट के जरिये सियासी तंज कसा था, जो उल्टा पड़ गया है। उनके ट्वीट का नगरोटा में साल 2016 में हुए आतंकी हमले के दौरान शहीद हुए मेजर अक्षय गिरीश की मां ने जवाब दिया। शाह फैसले ने जम्मू-कश्मीर में आतंकी बनने वाले युवाओं का परोक्ष रूप से जिक्र करते हुए लिखा था कि कई लोग मेरी उम्र तक नहीं पहुंच पाते। इसके जवाब में शहीद मेजर की मां मेघना गिरीश ने उन्हें जन्मदिन की बधाई दी और कहा कि अगर कुछ कर सकते हो तो अमन और देशभक्ति फैलाओ। 

शाह फैसल ने बृहस्पतिवार को ट्वीट करते हुए लिखा, 'मैं कल 36 साल का हो रहा हूं। कश्मीर में सभी युवाओं के साथ ऐसा नहीं होता।'

I am turning 36 tomorrow.

Not all youth in Kashmir get this privilege.

— Shah Faesal (@shahfaesal)

इस पर साल 2016 में नगरोटा में आतंकी हमले को नाकाम करने के दौरान शहीद हुए मेजर अक्षय गिरीश की मां मेघना गिरीश ने उन्हें जन्मदिन की बधाई देते हुए नसीहत दी। मेघना गिरीश ने उनके ट्वीट का जवाब देते हुए लिखा, 'मेरा बेटा तुमसे काफी छोटा था। हमारे कई सैनिक उससे भी छोटे थे। उन सबने जम्मू-कश्मीर में हमारे नागरिकों को बचाने के लिए अपनी जान दे दी। अगर तुम दे सकते हो तो अमन और देशभक्ति फैलाने में योगदान दो। जन्म दिन मुबारक। दुआएं मिलती रहें।'

My son was way younger than you and many of our soldiers much younger than him. They gave their lives to protect our citizens in J&K.

Contribute to spreading peace and patriotism if you can.

Happy birthday. Stay blessed. https://t.co/uKBOt9KyZm

— Meghna Girish (@megirish2001)

आईएएस अधिकारी शाह फैसल ने इस साल की शुरुआत में अपनी नौकरी से इस्तीफा दे दिया था। जम्मू-कश्मीर के शाह फैसल ने साल 2010 में सिविल सेवा परीक्षा में टॉप किया था। उन्होंने कश्मीर में कथित हत्याओं और केंद्र की ओर से गंभीर प्रयास नहीं किए जाने का आरोप लगाते हुए इस्तीफा दिया था। 35 वर्षीय शाह फैसल ने फेसबुक पर एक बयान में लिखा कि उनका इस्तीफा, जम्मू-कश्मीर राज्य की विशेष पहचान पर कपटपूर्ण हमलों तथा भारत में अति-राष्ट्रवाद के नाम पर असहिष्णुता एवं नफरत की बढ़ती संस्कृति के खिलाफ है।'

शाह फैसल ने मार्च महीने के मध्य में अपनी नई पार्टी बनाई थी। उन्होंने इसका नाम जम्मू-कश्मीर पीपुल्स मूवमेंट रखा है। अक्सर विवादों में रहने वाली जेएनयू की छात्र नेता शेहला रशीद समेत कई युवा शाह फैसल की पार्टी से जुड़े हैं। 

पहले भी रहे हैं विवादों में

फैसल ने पिछले साल अगस्त में एक ट्वीट कर उन्होंने कहा था कि संविधान के अनुच्छेद 35 ए को रद्द करने से देश के बाकी हिस्से से जम्मू-कश्मीर का संबंध खत्म हो जाएगा। 

I would compare Article 35A to a marriage-deed/nikahnama. You repeal it and the relationship is over. Nothing will remain to be discussed afterwards.

— Shah Faesal (@shahfaesal)

उन्होंने एक अन्य ट्वीट में लिखा था, 'भारत में जम्मू-कश्मीर का विलय संविधान के लागू होने से पहले हुआ है। जो ये कहते हैं कि विलय अब भी अस्तित्व में है वे यह भूल गए हैं कि यह रोका की तरह है। क्या रोका दो लोगों को आपस में बांधे रख सकता है, जब शादी का दस्तावेज रद हो गया हो।'

Yes and those who say Accession still stands forget that Accession was just like a Roka, because the Constitution had not come into force that time.
Can Roka still bind two people together even after the marriage document is annulled?

— Shah Faesal (@shahfaesal)

शहीद मेजर अक्षय गिरीश

30 नवंबर 2016 को जम्‍मू-कश्‍मीर के नगरोटा में आतंकी हमला हुआ था। बंगाल सैपर्स के 51वीं रेजीमेंट में मेजर अक्षय गिरीश तब नगरोटा में ही तैनात थे। नागरोटा में सेना की यूनिट पर पुलिस की वर्दी में आए आतंकियों ने हमला किया था। वह आतंकवादियों से लोहा लेते हुए शहीद हो गए थे। अपनी शहादत के समय मेजर अक्षय गिरीश महज 32 साल के थे। उनकी पत्नी और दो साल की बेटी भी उस समय नगरोटा कैंप में ही रह रहीं थीं। मेजर गिरीश अपने पीछे भरा-पूरा परिवार छोड़ गए। उनके परिवार में माता-पिता के अलावा पत्नी संगीता और बेटी नैना हैं। 

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पति की वर्दी आज तक नहीं धोई

संगीता गिरीश उस समय नगरोटा में ही थी, जब उनके पति आतंकियों का मुकाबला करते हुए शहीद हुए थे। उन्होंने आज तक अपने पति की वर्दी नहीं धोई है। एक मीडिया समूह से बात करते हुए उन्होंने कहा था कि जब उन्हें अपने पति की याद आती है, वह ये वर्दी पहन लेती हैं। उन्होंने आजतक यह वर्दी इसीलिए नहीं धोई क्योंकि इसमें उनके पति की खुशबू आती है। 

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