फरीदाबाद के परिवार की सामूहिक आत्महत्या और तार जुड़े दिल्ली के बुराड़ी से

By manish masoom  |  First Published Oct 25, 2018, 3:58 PM IST

फरीदाबाद के सूरजकुंड के दयालबाग इलाके में एक ही परिवार के लोगों की सामूहिक खुदकुशी के मामले में नया खुलासा हुआ है। फरीदाबाद पुलिस ने कहा है कि मां,बाप और भाई की मृत्यु के बाद परिवार में बचे चार लोगों ने सामूहिक आत्महत्या कर ली थी। पुलिस के मुताबिक चारों (भाई-बहनों) ने अपना अंतिम संस्कार दिल्ली के बुराड़ी के कब्रिस्तान में करने की इच्छा जताई थी।
 

नई दिल्ली- करीब चार महीने पहले दिल्ली के बुराड़ी इलाके के एक घर से एक साथ 11 लाशें निकाली गईं। खबर यह कि 11 लोगों ने एक साथ खुदकुशी की थी। घर से सुसाइड नोट भी बरामद हुआ। ठीक ऐसा ही मामला 20 अक्टूबर को दिल्ली से सटे फरीदाबाद के सूरजकुंड इलाके से सामने आया। परिवार के चार सदस्यों ने एक साथ खुदकुशी कर ली। घटना के बारे में किसी को कानों-कान खबर तक ना हुई। जानकारी तब मिली जब फ्लैट से बदबू उठने लगी।


सुसाइड नोट में मरने से पहले चारों भाई-बहनों ने  आत्महत्या खुद की मर्जी से करने की बात लिखी थी। सुसाइड नोट और तहकीकात से पता चला कि इस परिवार का सबसे छोटा सदस्य संजू 2 फरवरी को सड़क हादसे में बुरी तरह जख्मी हो गया था। उसके इलाज में परिवार की सारी जमापूंजी खर्च हो गई।


इस सदमे में अप्रैल में इनके पिता जेजे मैथ्यूज की मौत हो गई। एक महीने बाद इनकी मां एगनेस मैथ्यूज की मौत हुई। फिर जुलाई में संजू की भी मौत हो गई। एक के बाद एक लगे परिवार के सदस्यों की मौत व आर्थिक तंगी से चारों भाई बहन डिप्रेशन में चले गए। इसके बाद ही उन्होंने फांसी लगाने का फैसला किया।


घटना की पड़ताल में माय नेशन  को पता चला कि यह परिवार बेहद खुशमिजाज था। बाहरी लोगों से इनका बहुत लेना-देना नहीं था। परिवार बेहद ईमानदार था। सुसाइड नोट में जो ब्योरा दिया गया है उससे इनकी ईमानदारी की तस्दीक होती है। उन्होंने बकायदा यह लिखा था कि छोटे भाई के एक्सीडेंट के दौरान उन्होंने किस कितना कर्ज लिया था और उसको कैसे उतारा जाय। पुलिस ने सुसाइड नोट कब्जे में ले लिया है। इसकी सत्यता परखने के लिए फॉरेंसिक जांच कराई जाएगी। सुसाइड नोट में मकान मालिक के किराए का भी हिसाब-किताब लिखा गया है। 


पूरी घटनाक्रम में चौंकाने वाली सबसे बड़ी बात मामले में दिल्ली के बुराड़ी से कनेक्शन जुड़े होने की थी। दरअसल पुलिस को सुसाइड नोट से यह पता चला कि खुदकुशी करने वाले चारों भाई-बहनों की इच्छा (मीना मैथ्यूज, बीना मैथ्यूज, जया मैथ्यूज और प्रदीप मैथ्यूज) दिल्ली के बुराड़ी के कब्रिस्तान में दफनाए जाने की थी। 


फरीदाबाद पुलिस ने सुसाइड में लिखी उनकी ख्वाहिश के दौरान मृत भाई-बहनों को बुराड़ी के कब्रिस्तान में ही दफनाया। यहां पुलिस को और चौंकाने वाली जानकारी मिली। 


मामले की जांच में लगे हरियाणा पुलिस के इंस्पेक्टर रणधीर यादव ने माय नेशन  को बताया कि" मुझे बुराड़ी के कब्रिस्तान के पादरी  से जानकारी मिली कि, चारों भाई-बहन 20 अक्टूबर को आत्महत्या करने से पहले 17 अक्टूबर को कब्रिस्तान में पहुंचे थे। चारों दिन भर कब्रिस्तान में रोते रहे। वहां मौजूद पादरी ने चारों को  समझा-बुझाकर वहां से वापस भेजा"।


दरअसल आत्महत्या कर चुके इन भाई-बहनों के माता-पिता और सबसे छोटे भाई को भी बुराड़ी के कब्रिस्तान में ही दफनाया गया था। इस वजह से वे वहां पहुंच कर रोते रहे थे और आखिर में खुदकुशी से पहले वहीं दफनाए जाने की इच्छा जाहिर की। 


सबसे बड़ा सवाल खड़ा हुआ कि एक परिवार जो फरीदाबाद में रहता था उसके सदस्यों को वहां से बहुत दूर दिल्ली के बुराड़ी में क्यों दफनाया गया था ( माता-पिता और छोटे भाई को)। खुदकुशी से पहले अपनों के साथ दफनाए जाने की आखिरी इच्छा के भावनात्मक पहलू को समझा जा सकता है पर जिन लोगों की मौत स्वभाविक थी वो फरीदाबाद से दूर बुराड़ी में क्यों दफनाए गए? इस सवाल के जवाब में रणधीर यादव बताते हैं कि "परिवार में अब ऐसा कोई बचा नहीं, जो इस सवाल का जवाब दे सके। एक मौसी हैं, जो नन बन चुकी हैं। वह जयपुर में रहती हैं और किसी भी रिश्ते-नाते से खुद को अलग कर लेने की बात कहती है।"


मामला किसी अंधविश्वास से तो नहीं जुड़ा था ? इसके जवाब में पड़ोसी बताते हैं कि "इनके पिता जेजे मैथ्यूज हरियाणा टूरिज्म के होटल राजहंस से कैप्टन और मां एगनेस मैथ्यूज इसी होटल में हेल्थ क्लब में सहायिका के पद से रिटायर हुई थीं। परिवार पहले माता-पिता को उनकी कंपनी से मिले घर में रहता था। आराम की जिंदगी जीता था। बचत में बहुत यकीन नहीं रखता था। इसी बीच भाई का एक्सीडेंट हुआ फिर मां-बाप की सदमे से मौत और आखिरी में जख्मी भाई की भी मौत। इन घटनाओं ने चारों भाई-बहनों को आर्थिक और भावनात्मक रूप से तोड़ दिया जिस वजह से उन्होंने यह कदम उठाया।"

(फरीदाबाद से सुधीर शर्मा के इनपुट के साथ)

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