पंजे के ऑपरेशन ‘हाथी’ से खौफ में हैं माया

By Team MyNation  |  First Published Sep 18, 2019, 7:24 AM IST

बसपा प्रमुख मायावती ने विधायकों को तोड़ने पर जमकर कांग्रेस को कोसा। बसपा ने कांग्रेस को धोखेबाज पार्टी बताते हुए कहा कि बसपा ने कांग्रेस को बगैर किसी शर्त को सरकार को समर्थन दिया था। लेकिन कांग्रेस ने बसपा का भरोसा तोड़ा है। हालांकि मायावती ने मध्य प्रदेश में कांग्रेस सरकार से समर्थन पर कुछ नहीं कहा। लेकिन माना जा रहा है कि अगर बसपा विधायक तैयार हों तो आने वाले दिनों में मायावती कांग्रेस की कमलनाथ सरकार से समर्थन वापस ले सकती हैं।

नई दिल्ली। बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती कांग्रेस के ऑपरेशन हाथी से डरी हुई हैं। मायावती को लग रहा है कि राजस्थान के बाद अब कांग्रेस का निशाना मध्य प्रदेश हो सकता है। राज्य के मुख्यमंत्री कमलनाथ सरकार ऑपरेशन हाथी के जरिए बसपा के तीन विधायकों को कांग्रेस में शामिल कर सकते हैं। लिहाजा बसपा ने मध्य प्रदेश के प्रदेश अध्यक्ष को विधायकों से संपर्क में रहने की हिदायत दी है।

बहुजन समाज पार्टी के छह विधायक बसपा को छोड़ कांग्रेस में शामिल हो गए थे। जिसके बाद राज्य की विधानसभा में बसपा का अस्तित्व ही समाप्त हो गया है। हालांकि राज्य में बसपा का संगठन ज्यादा मजबूत नहीं है। लेकिन वह राज्य विधानसभा चुनाव और लोकसभा में कुछ फीसदी वोट आसानी से हासिल करती है। इससे बसपा के राष्ट्रीय स्तर की पार्टी का दर्जा बरकरार रहता है। बसपा प्रमुख मायावती ने विधायकों को तोड़ने पर जमकर कांग्रेस को कोसा। बसपा ने कांग्रेस को धोखेबाज पार्टी बताते हुए कहा कि बसपा ने कांग्रेस को बगैर किसी शर्त को सरकार को समर्थन दिया था।

लेकिन कांग्रेस ने बसपा का भरोसा तोड़ा है। हालांकि मायावती ने मध्य प्रदेश में कांग्रेस सरकार से समर्थन पर कुछ नहीं कहा। लेकिन माना जा रहा है कि अगर बसपा विधायक तैयार हों तो आने वाले दिनों में मायावती कांग्रेस की कमलनाथ सरकार से समर्थन वापस ले सकती हैं। मायावती ने बसपा प्रदेश अध्यक्ष को बसपा विधायकों के संपर्क में रहने का आदेश दिया है। मायावती कांग्रेस के ऑपरेशन हाथी से घबराई हुई हैं। क्योंकि पिछले दिनों कमलनाथ ने जिस तरह के भाजपा के दो विधायकों को अपने पाले में किया। उसको देखकर अब मायावती को लग रहा है कि अगला निशाना बसपा ही हो सकती है।

मध्य प्रदेश में बसपा के तीन विधायक कांग्रेस सरकार को समर्थन दे रहे हैं। हालांकि पिछले दिनों बसपा विधायकों ने राज्य के मंत्रिमंडल में शामिल होने के लिए कमलनाथ सरकार पर दबाव बनाया था। लेकिन कमलनाथ ने किसी को शामिल नहीं किया है। गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में बसपा और सपा ने अपने गठबंधन में कांग्रेस को शामिल नहीं किया था। जिसके बाद राज्य में कांग्रेस एक सीट जीत सकी थी।

जबकि बसपा ने 10 सीटें जीती थी। इसके साथ ही बसपा किसी भी राज्य में कांग्रेस से गठबंधन नहीं किया। क्योंकि मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस ने बसपा को अपने गठबंधन में शामिल नहीं किया था। जिसके बाद मध्य प्रदेश में बसपा ने अकेले चुनाव लड़ा था और तीन सीटें जीतने में कामयाब रही।

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