देवबंद की रैली में बीजेपी से ज्यादा कांग्रेस पर आक्रामक हुई मायावती

By Team MyNation  |  First Published Apr 7, 2019, 2:51 PM IST

उत्तर प्रदेश के देवबंद में आज एसपी-बीएसपी और रालोद की संयुक्त रैली में मायावती ने परोक्ष तौर पर कांग्रेस पर निशाना साधते हुए मुस्लिम मतदातों को नसीहत दी, और कहा कि वह भावनाओं में न बहें। रैली में मायावती ने बीजेपी की तुलना में कांग्रेस पर ज्यादा हमले किए। मायावती ने कहा कि कांग्रेस को चुनाव के वक्त ही गरीबों की याद आती है।

उत्तर प्रदेश के देवबंद में आज एसपी-बीएसपी और रालोद की संयुक्त रैली में मायावती ने परोक्ष तौर पर कांग्रेस पर निशाना साधते हुए मुस्लिम मतदातों को नसीहत दी, और कहा कि वह भावनाओं में न बहें। रैली में मायावती ने बीजेपी की तुलना में कांग्रेस पर ज्यादा हमले किए। मायावती ने कहा कि कांग्रेस को चुनाव के वक्त ही गरीबों की याद आती है। उन्होंने राहुल और प्रियंका के मंदिर दौरों पर कटाक्ष करते हुए कहा कि चुनाव मे ही इन्हें मंदिर और मस्जिद में चादर चढ़ाने की याद आती है।

पूरे दुनिया में इस्लामिक सेंटर के तौर पर मशहूर सहारनपुर जिले के देवबंद में आज एक संयुक्त रैली को संबोधित करते हुए मायावती ने कहा कि मुस्लिम भावनाओं में न बहकर अपना वोट न बांटे। राज्य में एसपी और बीएसपी का गठबंधन बनने के बाद दोनों दलों की ये संयुक्त रैली है। इसके मतलब साफ है कि मायावती को लगता है कि कांग्रेस के कारण एसपी-बीएसपी और रालोद गठबंधन के कारण नुकसान पहुंच सकता है।

लिहाजा मायावती ने कांग्रेस पर कटाक्ष करते हुए कहा कि इन नेताओं को चुनाव के आते ही गरीबों की याद आती है और वह मंदिर और मस्जिदों में चादर चढ़ाने जाते हैं। मायावती ने कांग्रेस के 72 हजार की घोषणा पर कहा कि पिछली बीजेपी सरकार ने गरीब का मजाक बनाया। इस चुनाव में प्रलोभन भरे चुनावी वादे कांग्रेस पार्टी भी कर रही है। मायावती ने कहा कि जनता अब समझती है कि ये वोटों की आड़ में तरह-तरह की नाटकबाजी है। मायावती ने मुस्लिम मतदाताओं से कहा कि सभी विपक्षी दल आपको गुमराह करने की कोशिश करेंगे और आप इनके बहकावे में न आएं।

मायावती ने कहा कि मोदी सरकार ने सिर्फ बड़े कारोबारियों की मदद की और अच्छे दिनों के वादे से गुमराह किया है। बीसएपी प्रमुख ने कहा कि अगर इस बार लोकसभा चुनाव में ईवीएम में गड़बड़ नहीं हुई तो महागठबंधन की जीत होगी। मायावती ने अपने भाषण में कहा कि कांग्रेस की सरकार में बोफोर्स घोटाला हुआ तो वर्तमान मोदी सरकार में राफेल का मामला सबके सामने है।

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