कांग्रेस के लोकसभा चुनाव के लिए उत्तर प्रदेश में सपा-बसपा के लिए सात सीटें छोड़ने के ऐलान के बाद बसपा प्रमुख मायावती ने कांग्रेस नेतृत्व को जमकर खरी खोटी सुनाई है। मायावती ने कहा कि कांग्रेस सीटों को छोड़ने को लेकर कोई भ्रम न फैलाएं और हमारा उनके साथ कोई गठबंधन नहीं है।
कांग्रेस के लोकसभा चुनाव के लिए उत्तर प्रदेश में सपा-बसपा के लिए सात सीटें छोड़ने के ऐलान के बाद बसपा प्रमुख मायावती ने कांग्रेस नेतृत्व को जमकर खरी खोटी सुनाई है। मायावती ने कहा कि कांग्रेस सीटों को छोड़ने को लेकर कोई भ्रम न फैलाएं और हमारा उनके साथ कोई गठबंधन नहीं है। मायावती ने कहा कि कांग्रेस राज्य की सभी 80 सीटों पर चुनाव लड़े।
मायावती ने कांग्रेस द्वारा लोकसभा चुनाव के लिए सात लोकसभा सीटों पर प्रत्याशी न खड़ा करने के ऐलान के बाद तीखी प्रतिक्रिया दी है। मायावती ने साफ कहा कि उनका कांग्रेस के साथ कोई गठबंधन नहीं है। मायावती ने कहा कि कांग्रेस राज्य की सभी 80 सीटों पर चुनाव लड़े। सोशल मीडिया साइट ट्विटर पर मायावती ने साफ लिखा है कि उनका कांग्रेस के साथ होई गठबंधन नहीं है और उनके कार्यकर्ता कांग्रेस द्वारा फैलाए जा रहे भ्रम नहीं आएंगे। मायावती ने कहा कि बसपा का उत्तर प्रदेश समेत पूरे देश में कांग्रेस पार्टी से कोई तालमेल व गठबंधन आदि बिल्कुल भी नहीं है।
उन्होंने कहा कि सपा-बसपा गठबंधन राज्य में अकेले भाजपा को लड़ाने के लिए सक्षम है और कांग्रेस जबरदस्ती सात सीटें छोड़ने का भ्रम न फैलाएं। गौरतलब है कि रविवार को कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजबब्बर ने कहा कि सपा बसपा रालोद गठबंधन ने हमको 2 सीटें रायबरेली एवं अमेठी दी हैं। हमने भी इस गठबंधन का पूरा सम्मान करते हुए 7 सीटें इनके नेताओं के लिए छोड़ दी हैं। यह सीटें होंगी मैनपुरी कन्नौज फिरोजाबाद हैं और इसके अलावा रालोद के जयंत चौधरी और अजीत सिंह जहां से चुनाव लड़ेंगे पार्टी वहां से अपना प्रत्याशी खड़ा नहीं करेगी।
कुछ दिन पहले ही सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा था कि कांग्रेस तो पहले ही गठबंधन में है क्योंकि सपा-बसपा गठबंधन ने उसके लिए रायबरेली और अमेठी की सीटें छोड़ी हैं। इसे कांग्रेस ने कटाक्ष समझा और बाद में कांग्रेस महासचिव ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि वह भी सपा-बसपा के लिए सीटें छोड़ेगी। लिहाजा अब कांग्रेस ने सीटें छोड़ने का ऐलान किया है। बसपा प्रमुख मायावती कांग्रेस से नाराज चल रही हैं और कुछ दिन पहले उन्होंने ऐलान किया था कि वह पूरे देश में कहीं भी कांग्रेस के साथ गठबंधन नहीं करेगी।