उत्तर प्रदेश के बहराईच में बारिश के बाद घंटों के लिए बिजली गुल रहने के बाद मेडिकल कॉलेज में टॉर्च की रोशनी में मरीजों का इलाज करना पड़ा। यहां बहते सीवर और भीषण उमस की वजह से अच्छे भले लोग बीमार पड़ रहे हैं।
बहराइच। वार्डो में भरा पानी, मोममबत्ती के रौशनी में हो रहा काम, मोबाइल टॉर्च की रौशनी में लग रहे है टांके और इलाज वार्डो में है भीषण गर्मी, मरीज और तीमार जाए तो जाए कहा, ये हाल है बहराइच के उस जिला अस्पताल का। जिसे अब मेडिकल कॉलेज का दर्जा तो दे दिया गया है, लेकिन यहा आने वाले मरीजों को कदम कदम पर दुश्वारियों का सामना करना पड़ रहा है। कुछ घंटे की बरसात ने नगर पालिका के कार्यो की भी पोल खोल दी। करोड़ों खर्च कर नाला निर्माण और सीवर सफाई के दावों की हवा निकाल दी। ये हाल तब है जब कुछ घंटे पहले ही पिछड़ा वर्ग कल्याण एवं दिव्यांगजन सशक्तिकरण एवं बहराइच जिला प्रभारी मंत्री अनिल राजभर ने बेहतर बिजली व स्वास्थ्य व्यवस्था का दावा जिले में किया था।
सरकार ने बहराइच जिला अस्पताल को मेडिकल कॉलेज का दर्जा तो दे दिया , लेकिन यहा आने वाले मरीजों को कदम कदम पर परेशानी का सामना कर पड़ रहा है। जिले में हुई कुछ घंटे की बरसात ने मेडिकल कॉलेज के मरीजों की मुसीबतें और बढ़ा दी। मेडिकल कॉलेज के वार्ड पानी से लबालब भर गए। जलभराव के चलते बिजली भी गुल हो गई। दिन में गायब हुई बिजली कई घंटों बाद रात को 12 बजे तक नही आई थी। वार्ड के आपातकालीन कक्ष में में मोमबत्ती जलाकर चिकित्साकर्मी काम करते रहे। मोबाइल टार्च की रौशनी में मरीजों को टांका लगाने के साथ उनका इलाज करने को विवश रहे चिकित्साकर्मी। वार्डो में भर्ती मरीजों की हालत गर्मी के चलते बद से बत्तर होती रही। लोग भीषण गर्मी से वार्डो में बिलबिलाते हुए हाथ का फंखा चलाने को मजबूर दिखे। घंटो से गुल हुई बिजली के बारे में जिम्मेदार कुछ बोलने को तैयार नही।