अमित शाह की कश्मीर में बड़े एक्शन की तैयारी, टीएमजी सक्रिय

By Team MyNationFirst Published Jun 16, 2019, 8:02 AM IST
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लोकसभा चुनाव के प्रचार के दौरान जम्मू-कश्मीर को लेकर अपना नजरिया शाह ने स्पष्ट कर दिया था। माना जा रहा है कि गृहमंत्री बनने के बाद वह कश्मीर में निर्णायक कार्रवाई के मूड में हैं। 

केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद के खिलाफ बड़ा वार करने की तैयारी कर ली है। समाचार एजेंसी एएनआई ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने हाल ही में एक नए टेरर मॉनिटरिंग ग्रुप (टीएमजी) का गठन किया है। जम्मू-कश्मीर सीआईडी के एडिशनल डीजीपी को इस ग्रुप का चेयरमैन बनाया गया है। 

टीएमजी में इंटेलिजेंस ब्यूरो, नेशनल इनवेस्टिगेटिव एजेंसी (एनआईए), सीबीआई, सेंट्र्रल बॉर्ड ऑफ इनडायरेक्ट टैक्स एंड कस्टम्स (सीबीआईसी), सेंट्रल ब्यूरो ऑफ डायरेक्ट टैक्स (सीबीडीटी), प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के सदस्य भी प्रतिनिधि के तौर पर रहेंगे। 

Sources: TMG is becoming very active now and the concerted action by all the agencies will now give a big blow to the financiers of Terror in the valley. https://t.co/necaSpDfXo

— ANI (@ANI)

बताया जा रहा है कि टीएमजी सक्रिय हो चुकी है। सभी एजेंसियों के मिलकर काम करने से कश्मीर में आतंकियों को होने वाली फंडिंग पर बड़ी चोट करने में मदद मिलेगी। 'माय नेशन' ने टीएमजी के गठन की खबर मार्च में ही दी थी। 

'माय नेशन की खबर' -  जम्मू कश्मीर में आतंकवाद के जड़ से खात्मे के लिए आईबी,सीबीआई,एनआईए और सीबीडीटी की विशेष टीम गठित

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केंद्रीय गृह मंत्री का पद संभालते ही भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर की स्थिति को अपनी शीर्ष प्राथमिकता पर लिया है। उन्होंने राज्यपाल सत्यपाल मलिक से राज्य के हालात की जानकारी लेने के साथ ही शीर्ष अधिकारियों से भी चर्चा की है। लोकसभा चुनाव के प्रचार के दौरान जम्मू-कश्मीर को लेकर अपना नजरिया शाह ने स्पष्ट कर दिया था। अब उनके गृह मंत्री बनने के बाद माना जा रहा है कि वह कश्मीर में निर्णायक कार्रवाई के मूड में हैं। 

टीएमजी के कार्य:

1. यह टीम अभी तक दर्ज की गई सभी आतंकवादी, आतंकवाद की फंडिंग और आतंकवाद संबंधित घटनाओं पर कार्रवाई करेगा और उन्हें अंजाम तक पहुंचाने की कोशिश करेगा। 

2. आतंकी समर्थकों की पहचान करना। जिसमें विभिन्न संगठनों के नेता भी शामिल हैं, जो लोग आतंकवाद के समर्थन में आवाज उठाते हैं। चाहे वह किसी भी रुप में हो। 

3. आतंकवाद की फंडिंग से संबंधित सभी चैनलों की जांच करना और उन्हें खत्म करने के लिए आवश्यक कार्रवाई करना। 

4. यह टीम उन लोगों की भी पहचान करेगा जो आतंकवाद के प्रबल समर्थक के रुप में जाने जाते हैं। चाहे उसमें सरकारी अधिकारी हों या फिर शिक्षक, जो कि खुले या छिपे तौर पर आतकवाद का समर्थन करने के लिए जाने जाते रहे हों। 

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