केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह अपने पहले आधिकारिक दौरे पर जम्मू-कश्मीर जा रहे हैं। उनकी यात्रा को लेकर तैयारियां शुरू हो गई हैं। केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के महानिदेशक आरआर भटनागर गृहमंत्री के दौरे से पहले ही जम्मू-कश्मीर पहुंच गए हैं। वह यहां अमित शाह के आने से पहले तैयारियों का जायजा लेंगे। माना जा रहा है कि अमित शाह का जम्मू-कश्मीर दौरा एक सप्ताह के अंदर हो सकता है। भटनागर गृहमंत्री के दौरे को लेकर सुरक्षा संबंधी मामलों का भी मूल्यांकन करेंगे।

सीआरपीएफ इस संबंध में एक डेमो तैयार कर रहा है। इसे पहले डीजी भटनागर को दिखाया जाएगा। उनकी मंजूरी मिलने के बाद इसे गृहमंत्री अमित शाह के सामने पेश किया जाएगा। 

अमित शाह का यह दौरा इसलिए भी अहम है कि उन्होंने 48 घंटे के दौरान जम्मू-कश्मीर के संबंध में कई कदम उठाए हैं। सीआरपीएफ के प्रमुख ने उन्हें अमरनाथ यात्रा को लेकर प्रजेंटेशन दिया है। इस यात्रा की सुरक्षा का बड़ा जिम्मा सीआरपीएफ पर ही है। कुछ दिन पहले उन्हें जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल ने भी मुलाकात की थी। राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने उन्हें राज्य के जमीनी हालात से अवगत कराया। जम्मू-कश्मीर में विधानसभा के भंग होने के बाद से ही राज्यपाल शासन चल रहा है। 

सरकार राज्य में वार्षिक अमरनाथ यात्रा की तैयारी कर रही है। 46 दिन लंबा यात्रा सीजन पहली जुलाई को मासिक शिवरात्रि से शुरू हो रहा है। यह 15 अगस्त को श्रवण पूर्णिमा के दिन संपन्न होगा।

ऐसा माना जा रहा है कि शाह का दौरा दो दिन का होगा। वह इस दौरान राज्य में तैनात सुरक्षाकर्मियों से मिलेंगे और तनावग्रस्त इलाके का दौरा करेंगे।

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अमित शाह को हाल ही में प्रत्येक कैबिनेट कमेटी में जगह मिली है। इनमें आर्थिक मामले, सुरक्षा संबंधी नियुक्ति समिति, संसदीय मामलों संबंधी कमेटी शामिल है। शाह पीएम मोदी के बाद दूसरे सबसे बड़े मंत्री के तौर पर सामने आए हैं। 

शाह के केंद्रीय गृहमंत्रालय का जिम्मा संभालने के बाद जम्मू-कश्मीर में टॉप-10 मोस्ट वांटेड आतंकियों की ताजा लिस्ट जारी की गई है। सुरक्षा बलों को इन सभी के जल्द से जल्द खात्मे का आदेश दिया गया है। शाह ने एक बड़ा फैसला लेते हुए कश्मीर के अलगाववादियों को दिल्ली की तिहाड़ जेल शिफ्ट करा दिया है।