शराब कारोबारी पोंटी चड्ढा के बेटे मोंटी चड्ढा की जमानत याचिका पर सुनवाई सोमवार तक टली

By Gopal K  |  First Published Jun 15, 2019, 5:08 PM IST

मोंटी चड्ढा पर फ्लैट खरीदार के साथ धोखाधड़ी करने का आरोप है। इसी आरोप में दिल्ली पुलिस के आर्थिक अपराध शाखा ने निवेशकों की याचिका पर गिरफ्तार उसे किया था। मॉन्टी फिलहाल तिहाड़ जेल में बंद है।

नई दिल्ली: शराब कारोबारी पोंटी चड्ढा के बेटे मनप्रीत सिंह चड्ढा उर्फ मोंटी चड्ढा की ओर से दायर जमानत याचिका को साकेत कोर्ट ने आज शनिवार को टाल दिया।  

मॉन्टी की जमानत याचिका पर कोर्ट अब सोमवार को सुनवाई करेगा। 

एक दिन पहले ही मजिस्ट्रेट कोर्ट ने मॉन्टी चड्ढा को जमानत देने से इनकार कर दिया था। मोंटी चड्ढा पर फ्लैट खरीदार के साथ धोखाधड़ी करने का आरोप है। इसी आरोप में दिल्ली पुलिस के आर्थिक अपराध शाखा ने निवेशकों की याचिका पर गिरफ्तार उसे किया था। मॉन्टी फिलहाल तिहाड़ जेल में बंद है।

दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने बड़े कारोबारी और बिल्डर पोंटी चढ्ढा के बेटे मोंटी को  जून 13 को दिल्ली के इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट से गिरफ्तार किया था। वह थाईलैंड के फुकेट जाने वाली फ्लाइट में सवार होने वाला था।  

क्या है केस 
मोंटी चढ्ढा पर आरोप है कि उसने गाजियाबाद और नोएडा में फ्लैट खरीदने वाले लोगों से लगभग 100 करोड़ की रकम इकट्ठा की। लेकिन उसने इस दिशा में कोई कार्य नहीं किया। जिसके खिलाफ लोगों ने शिकायत की। जिसके बाद आर्थिक अपराध शाखा ने उसे गिरफ्तार कर लिया। उसे आज अदालत में पेश किया जाएगा। 

ये मामला 2005-06 का है जब मोंटी चढ्ढा की कंपनी ने गाज़ियाबाद में बड़ी टाउनशिप बनाने के लिए वेवसिटी नाम के प्रोजेक्ट की घोषणा की। ग्राहकों से बताया गया कि ये टाउनशिप 1500 एकड़ के विस्तार में होगा। जिसमें स्कूल, स्‍वीमिंग पूल, क्लब, अस्पताल और हेलिपैड समेत सभी अत्याधुनिक सुविधाएं होंगी। इनके प्रोजेक्ट के नाम रोजवुड एन्क्लेव और सन्नीवुड एन्क्लेव, लाइम वुड एंक्लेव और क्रेस्ट वुड एनक्लेव थे, जोकि गाजियाबाद के सेक्टर 7, 15, 16 और 17 में बनने थे।

ग्राहकों की शिकायत के मुताबिक यह वादा किया गया था कि उन्हें 8 महीने में प्लॉट और 18 महीने यानी डेढ़ साल में घर का कब्जा मिल जाएगा। 

इस आश्वासन पर सैकड़ो लोगों ने अग्रिम रकम जमा भी कर दी। कई ग्राहकों से तो 65 से 85 फीसदी तक रकम वसूल ली गई थी। लेकिन यह वादा अब तक पूरा नहीं हो पाया। जब ग्राहकों ने पाया कि 2011 तक निर्धारित स्थल पर कोई निर्माण कार्य शुरु नहीं हुआ है तो उन्होंने मामला दर्ज करा दिया। 

फ्लैट न मिलने से नाराज लोगों ने कई बार धरना प्रदर्शन भी किया था। लेकिन हर बार मोंटी चढ्ढा के बाउंसर बलपूर्वक इस तरह के किसी भी धरना प्रदर्शन को दबा देते थे और ग्राहकों को मोंटी से मिलने से रोक देते थे। 

मोंटी और उसके परिवार के कई लोगों और उसकी कंपनी के निदेशकों और कर्मचारियों के खिलाफ दिल्ली पुलिस ने 2018 में 100 करोड़ से ज्यादा की ठगी के आरोप में केस दर्ज किया था।  

जांच में पता चला कि इस तरह का कोई प्रोजेक्ट सरकार से पास ही नहीं कराया गया है। पुलिस के पास दर्ज मामले में एम. एस उप्पल चड्ढा हाईटेक डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड, हरमनदीप सिंह कंधारी, राजेन्द्र सिंह चड्ढा, मनप्रीत सिंह चड्ढा उर्फ मोंटी चड्ढा, गुरजीत सिंह कोचर और कृतिका गुप्ता को आरोपी बनाया गया है। 

लेकिन गिरफ्तार से बचने के लिए मोंटी चढ्ढा फुकेट भागने की फिराक में था, जिसके बाद दिल्ली पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया। 

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