मध्य प्रदेश में कैबिनेट विस्तार को बढ़ी सरगर्मी, मिश्रा और चौहान में हुई मुलाकात

By Team MyNation  |  First Published Jun 5, 2020, 1:41 PM IST

वहीं आज आज राज्य के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा मुख्यमंत्री से मिलने उनके आवास पर पहुंचे और उनकी शिवराज सिंह के साथ बंद कमरे में बैठक हुई। जिसके बाद राज्य में कैबिनेट विस्तार की अटकलें तेज हो गई हैं। सीएम शिवराज कैबिनेट में नरोत्तम मिश्रा को संकटमोचक कहा जाता है। लिहाजा राज्य में कयासों का दौर शुरू हो गये हैं। 

भोपाल।  मध्य प्रदेश में शिवराज सिंह चौहान के कैबिनेट विस्तार के लिए राज्य में सरगर्मी शुरू हो गई हैं। हालांकि राज्य में अभी एक  कैबिनेट विस्तार प्रस्तावित है और राज्य में होने वाले उपचुनाव को देखते हुए  सरकार पर इसके लिए दबाव है कि जल्द से जल्द कैबिनेट विस्तार किया जाए। वहीं ज्योतिरादित्य सिंधिया समर्थक  कैबिनेट विस्तार में जगह मिलने की आस लगाए हुए हैं।

वहीं आज आज राज्य के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा मुख्यमंत्री से मिलने उनके आवास पर पहुंचे और उनकी शिवराज सिंह के साथ बंद कमरे  में बैठक हुई।  जिसके बाद राज्य में कैबिनेट विस्तार की अटकलें तेज हो गई हैं।  सीएम शिवराज कैबिनेट  में नरोत्तम मिश्रा को संकटमोचक  कहा जाता है। लिहाजा राज्य में कयासों का दौर शुरू हो गये हैं। असल में नरोत्तम मिश्रा की शिवराज सरकार में नंबर दो हैसियत है। लिहाजा माना जा रहा है कि उपचुनाव से पहले होने वाले कैबिनेट विस्तार के लिए दोनों नेताओं की आपस में बाचतीत है। वहीं राज्य में कैबिनेट विस्तार को लेकर सरकार पर ज्योतिरादित्य सिंधिया और उनके समर्थकों का दबाव है। 

राज्य में जिन 24 सीटों में चुनाव होना है। उसमें से 17 सीटों में चुनाव सिंधिया के गढ़ कहे जाने वाले ग्वालियर और गुना में होने हैं। लिहाजा सिंधिया ज्यादा से ज्यादा अपने समर्थकों को कैबिनेट में जगह दिलाने की कोशिश में हैं।  ताकि राज्य की सत्ता की चाबी उनके हाथ में रहे। वहीं राज्य में शिवराज सरकार ने भी उपचुनावों के लिए तैयारी शुरू कर दी है। विधायकों और नेताओं को अपने क्षेत्रों में सक्रिय रहने को कहा गया है। इसके साथ ही कांग्रेस से भाजपा में आए नेताओं के साथ अच्छे संबंध बनाने को कहा गया है। क्योंकि अभी तक कांग्रेस के नेता और भाजपा के नेताओं के बीच छत्तीस का आंकड़ा था  और उपचुनाव में दोनों को मिलकर चुनाव लड़ना है। लिहाजा पुराने विवादों को भूलने की सलाह पार्टी ने दी है।

प्रेशर गेम शुरू

राज्य में कैबिनेट विस्तार में अपने करीबी विधायकों और नेताओं को शामिल करने के लिए नेताओं का प्रेशर गेम शुरू हो गया है। सिंधिया हो या फिर नरेन्द्र सिंह तोमर। सभी  अपने समर्थकों को कैबिनेट  में शामिल करना चाहते हैं। वहीं सरकार के लिए सभी को कैबिनेट में शामिल करना मुश्किल है।  इसके साथ ही सरकार पर भी कैबिनेट विस्तार को लेकर दबाव है। क्योंकि विस्तार के बाद पार्टी में विरोध के स्वर उभर सकते हैं। जो सरकार के लिए नुकसानदेह साबित हो सकते हैं।

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