आम तौर पर मानसून 15 जुलाई तक पूरे राज्य को अपनी गिरफ्त में ले लेता है और 1 सितंबर को विदा होता है। लेकिन इस बार ये देरी से जाएगा। मौसम के कारण किसानों राहत है। क्योंकि इस बार गर्मी कम होने कारण राहत है। मौसम विभाग ने कहा कि मानसून के 25 जून को राजस्थान पहुंचने की संभावना है और इस बारे ये 10 दिनों की देरी के साथ पहुंचेगा।
नई दिल्ली। हालांकि बार मौसम का मिजाज कुछ गर्म नहीं है। लेकिन मौसम विभाग ने राहत की खबर दी है। मौसम विभाग ने कहा कि दक्षिण-पश्चिम मानसून सामान्य रूप से अपने दक्षिणी क्षेत्र से रेगिस्तानी राज्य राजस्थान में 25 जून तक करेगा। हालांकि आमतौर पर राजस्थान में मानसून 15 जून के आसपास आता है और इस बार ये 10 दिन देरी से पहुंचेगा। वहीं देश में मानसून तय समय से पहले पहुंचेगा।
आम तौर पर मानसून 15 जुलाई तक पूरे राज्य को अपनी गिरफ्त में ले लेता है और 1 सितंबर को विदा होता है। लेकिन इस बार ये देरी से जाएगा। मौसम के कारण किसानों राहत है। क्योंकि इस बार गर्मी कम होने कारण राहत है। मौसम विभाग ने कहा कि मानसून के 25 जून को राजस्थान पहुंचने की संभावना है और इस बारे ये 10 दिनों की देरी के साथ पहुंचेगा। विभाग ने कहा कि दक्षिण-पश्चिम मानसून सामान्य रूप से अपने दक्षिणी क्षेत्र से राजस्थान में प्रवेश करता है और इसके आगमन का सामान्य समय 15 जून है और ये 20 सितंबर तक राज्य में रहता है।
मौसम विभाग का कहना है कि अगर 30 साल के आंकड़ों के आकलन करें तो राज्य में मानसून के आगमन में देर हो चुकी है। पिछले 30 वर्षों के आंकड़ों के अध्ययन से पता चलता है कि मानसून के आगमन और प्रस्थान में देरी हुई है और मूल्यांकन के आधार पर यह संभावना है कि राज्य में मानसून इस बार भी दस दिनों की देरी से करेगा। असल में राज्य में ज्यादा किसान पानी को लेकर मानसून पर ही निर्भर हैं और इस बार बेहतर मानसून की खबर से किसान के चेहरों पर रौनक है।
आमतौर पर मई के आखिर में मानसून केरल में दस्तक देता है और उसके बाद बंगाल की खाड़ी से होते हुए राजस्थान पहुचंता है। राजस्थान के बाद मानसून पाकिस्तान की तरफ चला जाता है। पिछले साल मानसून में अच्छी बारिश हुई थी और राजस्थान के कई जिलों में ज्यादा पानी से बाढ़ के हालत बन गए थे।