हालांकि होली में एक नजरा देखा गया था जिसमें मुलायम का परिवार दो साल के बाद एक जुट दिखा था। हालांकि कार्यकर्ताओं द्वारा अखिलेश शिवपाल जिंदाबाद के नारे को लेकर अखिलेश यादव नाराज हो गए थे। होली के बाद मुलायम सिंह के पैतृक गांव सैफई में अखिलेश व शिवपाल दोनों एक ही मंच पर दिखे थे।
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के सबसे बड़े सियासी परिवार मुलायम सिंह यादव परिवार में आने वाले दिनों में फिर से एकता देखी जा सकती है। माना जा रहा है कि सियासी तौर पर शिवपाल सिंह यादव सपा के साथ खड़े दिखाई दे सकते हैं। क्योंकि समाजवादी पार्टी ने सपा के बागी विधायक शिवपाल यादव की विधानसभा की सदस्यता रद्द की याचिका को वापस ले लिया है। माना जा रहा है कि ये फैसला मुलायम सिंह परिवार ने लिया है। लिहाजा कोई भी इस मामले में बोलने से कतरा रहा है।
मुलायम परिवार में एक बार फिर एकता की सुगबुगाहट होने लगी है। इसकी शुरूआत हो चुकी हैं। क्योंकि समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सपा के बागी और जसवंत नगर के विधायक शिवपाल यादव की विधानसभा की सदस्यता रद्द करने की अपनी याचिका को वापस ले लिया है। इसके लिए सपा ने सपा ने विधानसभा अध्यक्ष को पत्र लिखकर इस रद्द करने की मांग की है। लिहाजा अब कयास लगने शुरू हो गए हैं कि क्या आने वाले दिनों में मुलायम परिवार में फिर से एकता हो सकती है। हालांकि होली में एक नजरा देखा गया था जिसमें मुलायम का परिवार दो साल के बाद एक जुट दिखा था।
हालांकि कार्यकर्ताओं द्वारा अखिलेश शिवपाल जिंदाबाद के नारे को लेकर अखिलेश यादव नाराज हो गए थे। होली के बाद मुलायम सिंह के पैतृक गांव सैफई में अखिलेश व शिवपाल दोनों एक ही मंच पर दिखे थे। हालांकि इससे पहले शिवपाल से बयान दिया था कि वह आगामी विधानसभा चुनाव में सपा के साथ गठबंधन कर सकते हैं। लेकिन शिवपाल ने साफ किया था कि वह अपनी पार्टी प्रगतिशाली समाजवादी पार्टी का सपा में विलय नहीं कराएंगे।
पिछले साल ही सपा ने शिवपाल की विधानसभा की सदस्यता रद्द करने की मांग विधानसभा अध्यक्ष से की थी। लेकिन वह रद्द नहीं हुई थी औैर शिवपाल की सदस्यता बरकरार रखी गई थी। शिवपाल की सदस्यता को लेकर सपा के नेता प्रतिपक्ष रामगोविन्द चौधरी ने पत्र लिखा है।