सरकार के इस फैसले पर प्रधानमंत्री यूसेफ चाहेद ने हस्ताक्षर कर दिए हैं। उन्होंने साफ कहा है कि सुरक्षा कारणों से देश के सभी स्त्री-पुरुषों के लिए चेहरा खुला रखना अनिवार्य कर दिया गया है, जिससे उनकी पहचान स्पष्ट हो सके।
मुस्लिम देश ट्यूनीसिया में सरकार ने नकाब और बुर्के पर प्रतिबंध लगा दिया है। सरकार ने ये कदम वहां पर आतंकी हमलों के मद्देनजर उठाया है। इस फैसले के बाद वहां पर मुस्लिम कट्टरपंथी सरकार के इस फैसले का विरोध कर रहे हैं। लेकिन सरकार ने साफ कर दिया है कि देश हित में ये फैसला लिया गया है।
ट्यूनीसिया अफ्रीका महाद्वीप का एक छोटा सा मुस्लिम देश है। अन्य देशों की तरह यहां पर शासन मुस्लिम धर्म के आधार पर चलता है। लेकिन अब इस मुस्लिम देश महिलाओं के चेहरे को ढंकने वाले नकाब के पहनने पर रोक लगा दी। सरकार ने ये कदम सुरक्षा को देखते हुए उठाए हैं।
सरकार के तर्क हैं कि आतंकी हमलों के मद्देनजर ये फैसला लिया गया है और इसके लिए देश का हर नागरिक सहयोग करें। असल में ट्यूनिसिया में पिछले महीने 27 तारीख को दो आत्मघाती हमले हुए थे और इसमें दो लोगों की मौत हो गयी थी और सात लोग घायल हो गए थे। इसी के मद्देनजर सरकार ने ये फैसला लिया है।
सरकार के इस फैसले पर प्रधानमंत्री यूसेफ चाहेद ने हस्ताक्षर कर दिए हैं। उन्होंने साफ कहा है कि सुरक्षा कारणों से देश के सभी स्त्री-पुरुषों के लिए चेहरा खुला रखना अनिवार्य कर दिया गया है, जिससे उनकी पहचान स्पष्ट हो सके। गौरतलब है कि ट्यूनीसिया की आबादी 1.15 करोड़ है और यहां पर 99 फीसदी आबादी सुन्नी मुसलमानों की है।
उधर कुछ संस्थाओं ने सरकार से कहा कि ये आदेश अस्थायी होना चाहिए। क्योंकि इससे मानवाधिकारों का हनन होता है। सरकार ने इच्छानुसार पोशाक पहनने की आजादी दी है। गौरतलब है कि श्रीलंका सरकार ने भी वहां पर नकाब और बुर्का पहनने पर रोक लगा दी है।
क्योंकि वहां पर आतंकी हमलों में दो सौ से ज्यादा लोगों को मौत हो गयी थी और इस हमले में मुस्लिम कट्टरपंथियों हाथ था। ईस्टर के दिन श्रीलंका की चर्चों में आतंकी हमलों को अंजाम दिया गया था। इसके बाद वहां पर बुर्के और नकाब पर प्रतिबंध लगा दिया था।