दिल्ली फतह के लिए नड्डा ने बनाया प्लान, महासचिवों के साथ की पहली बैठक

नड्डा सोमवार को ही राष्ट्रीय अध्यक्ष के पद पर निर्वाचित हुए हैं। हालांकि शाम को पार्टी कार्यालय में पीएम मोदी और राज्य के मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री के साथ बैठक हुई। नड्डा ने कल शाम को ही राष्ट्रीय अध्यक्ष के तौर पर कार्य संभाला था। लेकिन आज नड्डा ने राष्ट्रीय महासचिव के साथ पहली बैठक की।

Nadda prepared plan for Delhi Fatah, first meeting with general secretaries

नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी के  नवनियुक्त राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा पार्टी अध्यक्ष चुने जाने के बाद पहली बार महासचिवों के साथ बैठक की। नड्डा के सामने दिल्ली फतह करना एक बड़ी चुनौती है। लिहाजा पहली बैठक में ही दिल्ली जीतने के लिए रणनीति बनाने पर जोर दिया गया। इसके साथ ही सीएए के समर्थन के लिए चलाए जा कैंपेन पर भी  समीक्षा की गई।

Nadda prepared plan for Delhi Fatah, first meeting with general secretaries

नड्डा सोमवार को ही राष्ट्रीय अध्यक्ष के पद पर निर्वाचित हुए हैं। हालांकि शाम को पार्टी कार्यालय में पीएम मोदी और राज्य के मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री के साथ बैठक हुई। नड्डा ने कल शाम को ही राष्ट्रीय अध्यक्ष के तौर पर कार्य संभाला था। लेकिन आज नड्डा ने राष्ट्रीय महासचिव के साथ पहली बैठक की। फिलहाल नड्डा के सामने दिल्ली में सरकार बनाना पहली प्राथमिकता है। लेकिन नागरिकता संशोधन कानून के समर्थन में चलाए जा रहे कैंपेन पर भी नड्डा की नजर है।

पिछले साल ही नड्डा को कार्यकारी अध्यक्ष बनाने का निर्णय लिया गया था। दिल्ली में आठ फरवरी को मतदान होना है और दिल्ली फतह करना पार्टी के लिए बड़ी चुनौती है। क्योंकि पार्टी पिछले दो दशक से दिल्ली की सत्ता से बाहर है। पहले दिल्ली में कांग्रेस ने लगातार पन्द्रह साल तक राज्य किया वहीं अब दिल्ली में आम आदमी पार्टी की  सरकार है। पिछले विधानसभा चुनाव में दिल्ली में पार्टी का निराशा जनक प्रदर्शन था। पार्टी महज 3 सीटें ही जीत पाई थी जबकि आम आदमी पार्टी 67 सीटों पर जीती थी।

हालांकि पार्टी को उम्मीद है कि आम आदमी पार्टी के पांच साल सत्ता में रहने का फायदा उसे मिलेगा। क्योंकि दिल्ली में एंटीइंकमबैंसी फैक्टर काम करेगा। फिलहाल पार्टी दिल्ली में 67 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। वहीं दो सीटें पार्टी ने अपनी सहयोगी जनता दल यूनाइटेड और एक सीट लोकजनशक्ति पार्टी के लिए छोड़ी हैं। हालांकि दिल्ली में अकाली दल और जननायक जनता पार्टी ने चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया है।

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