मोदी सरकार की अमेरिका से बड़ी मिसाइल डील की तैयारी, मिसाइलों की तैनाती से 'अभेद' हो जाएगी दिल्ली

By Ajit K DubeyFirst Published Jul 23, 2018, 4:34 PM IST
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भारत अमेरिका के साथ नई मिसाइल डील की प्रक्रिया को आगे बढ़ा चुका है। सतह और हवा में दुश्मन के हवाई खतरे से निपटने के लिए मोदी सरकार अमेरिका के साथ नेशनल एडवांस्ड सरफेस टू एयर मिसाइल सिस्टम पर डील करने जा रही है। रक्षा मंत्री की अगुवाई वाली समिति ने इस डील के लिए अपनी मंजूरी दे दी है।

आतंकवादियों और दुश्मन देशों की मिसाइलों, विमानों और ड्रोन्स से राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र को महफूज रखने के लिए मोदी सरकार ने कमर कस ली है। सरकार ने अमेरिका से मिसाइल सौदों की प्रक्रिया को मंजूरी दे दी है। इस सौदे की कीमत 6 हजार 5 सौ करोड़ रुपये से ज्यादा होगी।
उच्च सरकारी सूत्रों ने माय नेशन को ये बताया है कि नेशनल एडवांस्ड सरफेस टू एयर मिसाइल सिस्टम, नास्मस यानि कि सतह और हवा में सुरक्षा से संबंधित मिसाइल सिस्टम को लगाने पर सरकार आगे बढ़ चुकी है। एनसीआर में किसी भी हवाई खतरे से निपटने के लिए रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण की अगुवाई वाली रक्षा अधिग्रहण समिति ने डील को मंजूरी दी है।
सूत्रों ने यह बताया कि अब डील को आगे बढ़ाने के लिए भारत सरकार की तरफ से अमेरिकी प्रशासन को एक पत्र भेजा जाएगा और दोनों देशों की सरकारों के बीच इस पर बात होगी।
अमेरिका से डील की मंजूरी ऐसे समय में हो रही है जब अमेरिका रूस से भारत की एस-400 एयर डिफेंस मिसाइल की डील पर अपना एतराज़ जता चुका है। अमेरिका ने रूस पर प्रतिबंध लगाए हैं, वहीं उनके कानून सीएएटीएसए के मुताबिक अगर कोई मुल्क एक सीमा से अधिक रूस से डिफेंस डील करता है, तो उनके साथ रक्षा संबंधों पर विचार किया जा सकता है।
इस डील और रक्षा तंत्र को उन हालातों में विकसित किया जा रहा है जब दुश्मन मुल्कों और आतंकवादी समूहों की तरफ से राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र को खतरा बढ़ा है। लश्कर जैसे आतंकवादी संगठनों के हाथ भी हवाई हमले की सामग्री लगने की आशंका है।
अमेरिका की राजधानी वाशिंगटन डीसी की रक्षा के लिए अमेरिकियों द्वारा वहां एंटी मिसाइल प्रणाली का उपयोग किया जाता है। ये सुरक्षातंत्र 2005 से ही वहां पर लागू है।
वर्तमान में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में वीआईपी ठिकानों की हवाई सुरक्षा के लिए भारतीय वायुसेना रशियन मिसाइल सिस्टम का सहारा ले रही है। आपको बता दें कि अमेरिकी राजधानी में नास्मस सिस्टम है जो कि किसी भी तरह के हवाई खतरे की तुरंत पहचान कर उसको नेस्तानबूत करने में सक्षम है।
नास्मस को सात देशों ने अपनाया हुआ है। अमेरिकी राजधानी क्षेत्र में तो ये 2005 से ही प्रभावी है। अमेरिका के अलावा ये यह नॉर्वे, फिनलैंड, स्पेन और नीदरलैंड में भी ये प्रणाली है। 
भारतीय वायुसेना ने हाल ही में बहुप्रतिक्षित स्पाइडर मिसाइल सिस्सटम को शामिल किया है। पाकिस्तान से किसी भी खतरे की आशंका के मद्देनज़र देश के पश्चिमी फ्रंट पर इनकी तैनाती भी की गई है।

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