यूपी में कांग्रेस को बड़ा झटका, नसीमुद्दीन सिद्दीकी की गई विधान परिषद सदस्यता

असल में बसपा प्रमुख मायावती पर रिश्वत लेने के आरोपों के बाद सिद्दीकी ने बसपा का दामन थामकर कांग्रेस की सदस्यता ली थी। कांग्रेस को लग रहा था कि सिद्दीकी के कारण पार्टी को लोकसभा चुनाव में फायदा होगा। लेकिन कांग्रेस में सिद्दीकी कोई बड़ा करिश्मा नहीं दिखा सके। 

Naseemuddin Siddiqui legislative council membership, a big blow to Congress in UP

Naseemuddin Siddiqui legislative council membership, a big blow to Congress in UP उत्तर प्रदेश में कांग्रेस पार्टी को एक बड़ा झटका लगा है। कभी बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के शीर्ष नेताओं में शुमार रहे नसीमुद्दीन सिद्दीकी के कांग्रेस पार्टी की सदस्यता लेने के बाद अब उनकी सदस्यता रद्द कर दी गई है। सिद्दीकी ने 2018 में बसपा का दामन छोड़ दिया था और कांग्रेस में शामिल हो गए थे। अब उन्हें कांग्रेस में जाना महंगा पड़ गया है और विधान परिषद की सदस्यता गंवानी पड़ी है।


असल में बसपा प्रमुख मायावती पर रिश्वत लेने के आरोपों के बाद सिद्दीकी ने बसपा का दामन थामकर कांग्रेस की सदस्यता ली थी। कांग्रेस को लग रहा था कि सिद्दीकी के कारण पार्टी को लोकसभा चुनाव में फायदा होगा। लेकिन कांग्रेस में सिद्दीकी कोई बड़ा करिश्मा नहीं दिखा सके। वहीं कांग्रेस में शामिल होने के बाद बसपा ने विधान परिषद अध्यक्ष के पास शिकायत दाखिल की थी और जिस पर लंबी सुनवाई के बाद अब नसीमुद्दीन सिद्दीकी को विधान परिषद की सदस्यता के अयोग्य ठहरा दिया है। सिद्दीकी को 22 फरवरी 2018 की तिथि से ही अयोग्य ठहराया गया है। 

वहीं अब सिद्दीकी की सदस्यता की बर्खास्तगी को लेकर बसपा के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्र ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी की है और कहा कि सिद्दीकी को 22 फरवरी 2018 की तिथि से ही अयोग्य ठहराया गया है।

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कभी मायावती के करीबी नेताओं में थे शुमार

नसीमुद्दीन सिद्दीकी को कभी मायावती का करीबी माना जाता था और मायावती की सरकार में ताकतवर मंत्रियों में से थे। वहीं पार्टी में सिद्दीकी को मजबूत मुस्लिम चेहरा माना जाता था। वहीं पार्टी ने उन्हें साल 2015 में बसपा के टिकट पर विधान परिषद भेजा था। लेकिन बाद में मायावती से खराब संबंधों के कारण 2018 में सिद्दीकी ने बसपा छोड़ दी थी।

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