सिद्धू फिर फंसे कैप्टन के चक्रव्यूह में, राहुल गांधी ने नहीं दे पाएंगे दखल

By Team MyNation  |  First Published Jun 25, 2019, 8:12 AM IST

आलाकमान भी राज्य में कैप्टन के मामलों में ज्यादा दखल नहीं देता है। वहीं बीजेपी छोड़कर कांग्रेस का दामन थामने वाले नवजोत सिंह सिद्धू ने कैप्टन के खिलाफ मोर्चा खोला है। लेकिन उन्हें बार बार शिकस्त मिली है। 

नई दिल्ली। पंजाब में मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह और उनके कैबिनेट के सहयोगी नवजोत सिंह सिद्धू के बीच चली आ रही लड़ाई कांग्रेस के लिए घातक बनती जा रही है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से मिलने के बाद भी सिद्धू की मुश्किलें कम नहीं हो रही हैं। कैप्टन ने अब  सिद्धू को उनके करीबियों के जरिए घेरना शुरू कर दिया है। राज्य के एंटी करप्शन ब्यूरो ने राज्य के नगर निकायों में हुए भ्रष्टाचार के मामलों में जांच शुरू कर दी है। जिसके जरिए कैप्टन के सीधे निशाने पर अब नवजोत सिंह सिद्धू आ गए हैं। क्योंकि ये विभाग कुछ दिन पहले ही सिद्धू से वापस लिया गया है।

कैप्टन अमरिंदर सिंह को राज्य में कांग्रेस की धुरी माना जाता है। कैप्टन की अगुवाई में ही राज्य में विधानसभा चुनाव लड़ा और कांग्रेस ने वहां पर जीत दर्ज की। लिहाजा आलाकमान भी राज्य में कैप्टन के मामलों में ज्यादा दखल नहीं देता है। वहीं बीजेपी छोड़कर कांग्रेस का दामन थामने वाले नवजोत सिंह सिद्धू ने कैप्टन के खिलाफ मोर्चा खोला है। लेकिन उन्हें बार बार शिकस्त मिली है।

पिछले दिनों कैप्टन की शिकायत को लेकर सिद्धू ने कांग्रेस आलाकमान से मुलाकात की। सिद्धू ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के साथ ही प्रियंका गांधी से भी मुलाकात की। इस मुलाकात में सिद्धू ने एक पत्र राहुल गांधी को सौंपा। उसके बाद लग रहा था कि सिद्धू को आलाकमान का साथ मिल गया है। लेकिन सिद्धू से नाराज चल रहे कैप्टन ने अब उनके खिलाफ नया दांव चल दिया है।

कैप्टन ने पिछले दिनों सिद्धू को उनके विभाग नगर विकास से हटा दिया था और ऊर्जा विभाग की मंत्री बनाया। लेकिन अब कैप्टन के आदेश पर ही नगर विकास विभाग में हुए आर्थिक घपलों की जांच राज्य की एंटी करप्शन ब्यूरो ने शुरू कर दी है। जिसके सीधे निशाने पर सिद्धू और उनके करीबी नेता हैं।

यहां तक की सिद्धू की ओएसडी भी ब्यूरो के निशाने पर हैं। जिसे सिद्धू का करीबी माना जाता है।  राज्य के कई निगमों और निकायों में भ्रष्टाचार की शिकायतें मिली थी, जिसमें उनकी ओएसडी की भूमिका संदिग्ध मानी जा रही है। जाहिर है इस जांच की आंच सिद्धू तक जरूर पहुंचेगी। क्योंकि कुछ समय पहले तक विभाग के मंत्री वही थे।

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