दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने फार्मा कंपनी स्टर्लिंग ग्रुप के चार निदेशकों के खिलाफ खुला गैर जमानती वारंट जारी कर दिया है। इन के नाम हैं नितिन संदेसरा, चेतन संदेसरा, दीप्ति संदेसरा और हितेश पटेल। इन सभी पर पांच हजार के बैंक फ्रॉड का केस है। यह सभी कांग्रेस नेता अहमद पटेल के बेहद करीबी हैं।
प्रवर्तन निदेशालय ने स्टर्लिंग ग्रुप के खिलाफ धनशोधन रोकथाम कानून (पीएमएलए) की धाराओं के तहत कथित बैंक धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया है।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सतीश कुमार अरोड़ा ने गैर जमानती वारंट जारी करने की प्रवर्तन निदेशालय की याचिका मंजूर कर ली।
प्रवर्तन निदेशालय आरोपियों द्वारा आयकर विभाग के अधिकारियों को कथित रूप से रिश्वत देने की शिकायत के मामले की भी जांच कर रहा है। निदेशालय ने 24 दिसंबर को अदालत को सूचित किया था कि वह एसबीएल के निदेशकों के खिलाफ इंटरपोल से रेड कॉर्नर नोटिस भी जारी कराना चाहता है।
ईडी ने अपने वकील नितिन राणा के जरिए इन सभी की गिरफ्तारी के लिए पटियाला हाउस कोर्ट में याचिका डाली थी।
यह सभी आरोपी देश से फरार हैं, इसलिए तय समय सीमा के अंदर इनकी गिरफ्तारी नहीं की जा सकती। इसलिए अदालत ने इन सभी के लिए खुला गैर जमानती वारंट जारी किया है।
खुले गैर जमानती वारंट के तहत गैर जमानती वारंट के विपरीत मुकदमे के लिये समयसीमा तय नहीं होती।