काफी अरसे से कांग्रेस में एनसीपी के विलय की बात चल रही है। लेकिन एनसीपी प्रमुख शरद पवार इस दावे को खारिज करते आए हैं। लेकिन कभी शरद पवार को अपना राजनैतिक गुरु मानने वाले सुशील कुमार शिंदे के दावों पर विश्वास करें तो चुनाव के बाद राज्य में एनसीपी और कांग्रेस एक हो सकती हैं। हालांकि कांग्रेस को इससे सबसे ज्यादा फायदा होगा। क्योंकि इसके जरिए उसकी राज्य के साथ ही केन्द्र ताकत बढ़ेगी।
मुंबई। महाराष्ट्र विधानसभा के लिए चुनाव प्रचार जारी है और 21 अक्टूबर को राज्य में मतदान होगा और इसके बाद 24 को परिणाम सामने आएंगे। लेकिन इससे पहले कांग्रेस के दिग्गज नेता और महाराष्ट्र के पूर्व सीएम सुशील कुमार शिंदे ने दावा किया कि चुनाव परिणाम के बाद कांग्रेस में एनसीपी की विलय हो सकता है।
काफी अरसे से कांग्रेस में एनसीपी के विलय की बात चल रही है। लेकिन एनसीपी प्रमुख शरद पवार इस दावे को खारिज करते आए हैं। लेकिन कभी शरद पवार को अपना राजनैतिक गुरु मानने वाले सुशील कुमार शिंदे के दावों पर विश्वास करें तो चुनाव के बाद राज्य में एनसीपी और कांग्रेस एक हो सकती हैं। हालांकि कांग्रेस को इससे सबसे ज्यादा फायदा होगा। क्योंकि इसके जरिए उसकी राज्य के साथ ही केन्द्र ताकत बढ़ेगी। केन्द्र में इससे कांग्रेस को अधिकारिक तौर पर लोकसभा में विपक्ष के नेता का पद मिल जाएगा। ऐसा भी हो सकता है कि कांग्रेस इसके लिए शरद पवार की पार्टी के किसी नेता का नाम तय करे। क्योंकि लोकसभा में एनसीपी का चार सांसद हैं। जबकि शरद पवार राज्य सभा में सांसद हैं।
विधानसभा चुनाव से पहले शिंदे का ये बयान काफी अहम माना जा रहा है। असल में महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस और एनसीपी के कई बड़े नेता शिवसेना और भाजपा का दामन थाम चुके हैं। राज्य में दोनों दलों की स्थिति काफी खराब है। पार्टी के जानकारों का कहना है कि अगर राज्य में दोनों दल सरकार बनाने में विफल रहते हैं तो पार्टी के और कई नेता भाजपा और शिवसेना में शामिल हो सकते हैं। इससे राज्य में पार्टी के अस्तित्व संकट में पड़ जाएगा।
लिहाजा शिंदे के इस बयान को काफी अहम माना जा रहा है। राज्य में चुनाव प्रचार के दौरान शिंदे ने कहा कि 'कांग्रेस और एनसीपी दोनों बराबर हैं। हालांकि इससे पहले एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने आधिकारिक तौर पर इसे नकार दिया था