स्टिंग कर ब्लैकमेलिंग की साजिश रचने के आरोप में न्यूज चैनल का सीईओ गिरफ्तार

By Team MyNation  |  First Published Oct 29, 2018, 1:54 PM IST

चैनल के एडीटर ने दर्ज कराई थी शिकायत, उत्तराखंड में नोएडा स्थित आवास और गाजियाबाद कार्यालय में मारा छापा, भारी मात्रा में नकद और विदेश मुद्रा बरामद।

देहरादून से अंकित शर्मा की रिपोर्ट

रीजनल चैनल समाचार प्लस के एडिटर-इन-चीफ और सीईओ उमेश कुमार को रिपोर्टरों के जरिये उगाही की साजिश रचने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया। आरोप है कि उमेश ने अपने रिपोर्टरों पर उत्तराखंड के सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत समेत वरिष्ठ नौकरशाहों का स्टिंग करने का दबाव बनाया। इन स्टिंग का उद्देश्य चैनल पर प्रसारण नहीं बल्कि ब्लैकमेल कर धन की उगाही करना था। 

देहरादून के राजपुर थाने में 11 अगस्त 2018 को चैनल के उत्तराखंड एडीटर आयुष गौड़ ने एक शिकायत दर्ज कराई थी। इसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि उमेश कुमार नेताओं, नौकरशाहों को 'फंसाकर' उनसे उगाही करना चाहते हैं। गौड़ की शिकायत के अनुसार, उमेश कुमार ने स्टिंग करने का दबाव उनपर भी बनाया था। लेकिन उनके कहे अनुसार स्टिंग न कर पाने पर जाने से मारने की धमकी थी। शिकायतकर्ता के मुताबिक, उमेश कुमार ने उनसे फर्जी व्यवसायियों के प्रतिनिधिमंडल के रूप में एडिशनल चीफ सेक्रेटरी के ऑफिस में जाने और वहां बैठक के दौरान स्टिंग ऑपरेशन करने को कहा था।  

पुलिस की ओर से जारी बयान के मुताबिक, रविवार दोपहर आईपीसी की धारा 386, 88 और 120 बी के तहत गैर-जमानती वारंट जारी होने के बाद उत्तराखंड पुलिस ने उमेश कुमार के नोएडा स्थित आवास और गाजियाबाद स्थित कार्यालय पर छापा मारा। इसमें कई तरह के फोन, हार्ड डिस्क, पेन ड्राइव, मेमोरी कार्ड, आईपैड, लैपटॉप और डीवीडी जब्त की गई है। इसके अलावा 39 लाख रुपये नकद और 16,279 डॉलर और 11 हजार से ज्यादा की थाईलैंड की मुद्रा भी बरामद की गई है। 

सूत्रों के अनुसार, उमेश कुमार के कानून के हाथ से बच निकलने के किसी भी प्रयास को नाकाम करने के लिए उत्तराखंड पुलिस ने 79 दिन तक अपना होमवर्क किया और पुख्ता साक्ष्य जुटाने के बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया। इस राज्य में हाई प्रोफाइल लोगों को ब्लैकमेल करने वाले रैकेट के खिलाफ बड़ी कामयाबी माना जा रहा है। मुख्यमंत्री और बड़े नौकरशाहों से जुड़ा मामला होने के कारण पूरी कार्रवाई अपर पुलिस महानिदेशक कानून व्यवस्था अशोक कुमार की देख-रेख में अंजाम दी गई।

उमेश कुमार वर्ष 2016 के मार्च महीने में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के स्टिंग की एक सीडी जारी करने के बाद चर्चा में आए थे। इसमें दिखाया गया कि फ्लोर टेस्ट के वक्त बहुमत साबित करने के लिए हरीश रावत विधायकों को अपने समर्थन में लाने के लिए कथित तौर पर घूस दे रहे थे। 14 साल पहले देहरादून में रियल एस्टेट डेवलपर से शुरुआत करने के बाद समाचार प्लस के एडीटर-इन-चीफ बनने तक की कहानी काफी दिलचस्प है। उसे वाई कैटेगिरी की सुरक्षा हासिल है। वह वीवीआई काफिले की तरह चलता है। उमेश कुमार पर इस साल फरवरी में रेप का आरोप भी लग चुका है। 

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