फिलहाल बताया जा रहा है कि बाजारों में सस्ती दरों पर प्याज मिलने लगा है। राज्य की राजधानी में स्थित रायतु बाजारों में छोटे किसान सीधे प्याज खरीद कर उपभोक्ताओं को बेचा जा रहा है और अब राज्य सरकार इसके जरिए सब्जियां बेचने की योजना बना रही है।
नई दिल्ली। देश में प्याज की कीमतों आसामान छू रही हैं और इसके लिए केंद्र सरकार ने उपाय तेज कर दिए हैं तो वहीं राज्य सरकारें भी प्याज की कीमतों को कम करने के लिए कदम उठा रही हैं। वहीं तेलंगाना सरकार ने जनता को किसान बाजारों के जरिए 35 रुपये प्रति किलो की दर से प्याज बेचने का फैसला किया है। वहीं बाजार में प्याज की कीमत 100 रुपये किलो तक पहुंच गए थे। हालांकि ज्यादातर शहरों में प्याज की कीमत 75 के पार हैं।
फिलहाल बताया जा रहा है कि बाजारों में सस्ती दरों पर प्याज मिलने लगा है। राज्य की राजधानी में स्थित रायतु बाजारों में छोटे किसान सीधे प्याज खरीद कर उपभोक्ताओं को बेचा जा रहा है और अब राज्य सरकार इसके जरिए सब्जियां बेचने की योजना बना रही है। वहीं सरकार के नियमों के मुताबिक एक व्यक्ति को सिर्फ दो किलो प्याज ही बेचा जाएगा और प्याज खरीदने के लिए ग्राहक के पास पहचान पत्र भी होना चाहिए। हालांकि केन्द्र सरकार ने प्याज के लिए बफर स्टॉक बनाया हुआ है और कीमतों पर अंकुश लगाने के लिए राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन महासंघ (नेफेड) ने बफर स्टॉक से राज्यों को प्याज भेजने की प्रक्रिया को शुरू किया है। ताकि राज्यों में प्याज की कीमतों को कम किया जा सके। वहीं सरकार ने प्याज पर भंडारण क्षमता लागू करने के साथ विदेश से प्याज मंगाने के लिए आयात नियमों में बदलाव करते हुए कुछ ढील दी है।
नेफेड राज्यों को 21 रुपये किलो की दर के प्याज उपलब्ध करा रही है। इसके साथ ही राज्य सरकारें इसमें ट्रांसपोर्ट और दूसरे खर्च जोड़कर अपने हिसाब से प्याज को बाजारों में बेच सकेंगे। इसके साथ ही नेफेड सफल स्टोर पर 28 रुपये किलो प्याज जनता को उपलब्ध करा रही है। हालांकि माना जा रहा है कि नवंबर के अंत तक राजस्थान से प्याज बाजार में आ जाएगा और इसके कारण प्याज की कीमतों में कमी आने की उम्मीद है। इसके साथ सरकार ने जमाखोरी पर अंकुश लगाने के लिए खुदरा और थोक विक्रेताओं पर स्टॉक सीमा लागू कर दी है और इसके तहत थोक व्यापरियों को 25 टन और खुदरा व्यापारियों को दो टन प्याज स्टॉक की इजाजत होगी।