देश में लॉकडाउन-2 की अवधि तीन मई को खत्म हो रही है। जबकि देश में कोरोना संकट जारी है।देश के कई हिस्सों लगातार कोरोना वायरस संक्रमण के नए मामले सामने आ रहे हैं। देश में कोरोना संक्रमितों की संक्रमित संख्या 31 हजार तक पहुंच गई है जबकि देश में मरने वाले 1 हजार तक पहुंच हो गई है। केन्द्र सरकार ने नई गाइडलाइन जारी कर प्रवासी मजदूरों और छात्रों को राहत दी है।
नई दिल्ली। केन्द्र सरकार ने कोरोना संकट के चलते देश के विभिन्न इलाकें में फंसे हजारों प्रवासी मजदूर, छात्र और पर्यटक को राहत दी है। केन्द्र सरकार ने नई गाइडलाइन जारी की है। जिसके तहत अब ये लोग अपने अपने गंतव्य जा सकेंगे। केन्द्र सरकार ने इसके लिए राज्यों/केन्द्र शासित राज्यों को आदेश दिए हैं। गृह मंत्रालय द्वारा जारी किए गए आदेश के तहत सभी लोगों की मेडिकल जांच की जाएगी और घर जाने से पहले उन्हें क्वरंटाइन किया जाएगा।
देश में लॉकडाउन-2 की अवधि तीन मई को खत्म हो रही है। जबकि देश में कोरोना संकट जारी है।देश के कई हिस्सों लगातार कोरोना वायरस संक्रमण के नए मामले सामने आ रहे हैं। देश में कोरोना संक्रमितों की संक्रमित संख्या 31 हजार तक पहुंच गई है जबकि देश में मरने वाले 1 हजार तक पहुंच हो गई है। केन्द्र सरकार ने नई गाइडलाइन जारी कर प्रवासी मजदूरों और छात्रों को राहत दी है। क्योंकि देश के कई हिस्सों में हजारों की तादात में लोग फंसे हुए है।
पिछले दिनों पीएम नरेन्द्र मोदी के साथ राज्यों की बैठक में ज्यादातर राज्यों ने तीन मई के बाद लॉकडाउन को समाप्त करने की मांग की थी। हालांकि राज्यों ने कहा था कि कड़ी शर्तों के साथ लॉकडाउन समाप्त किया जाना चाहिए। इसके लिए केन्द्र सरकार ने नए नियम जारी किए हैं। जिसके तहत केन्द्र सरकार ने कहा कि प्रवासियों को भेजने के लिए सभी राज्य और केन्द्र शासित राज्यों के इसके लिए नोडल अधिकारी नियुक्त करना होगा। वहीं राज्यों में पहुंचने वाले प्रवासियों का ब्यौरा भी रखा जाए।
इसके साथ ही केन्द्र सरकार ने कहा कि राज्य एक दूसरे की आपसी सहमति के साथ सड़क मार्ग के जरिए भेज सकते हैं। प्रवासियों को भेजने से पहले उसकी स्क्रीनिंग जरूर की जाए और स्वास्थ्य ठीक होने पर ही उसे भेजने की मंजूरी दी जाए। प्रवासी मजदूरों, यात्रियों और छात्रों को समूह में सिर्फ बस से ही भेजा जाए और इससे पहले बस को सेनेटाइजेशन करना जरूर होगा। यात्रा में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया जाए। प्रवासियों और छात्रों के गंतव्य तक पहुंचने के बाद स्थानीय स्वास्थ्य विभाग जिम्मेदारी होगी कि उनका होम क्वारंटाइन किए जाए।