रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने 'मेक इन इंडिया' पहल को आगे बढ़ाते हुए लिया फैसला। विदेशी कंपनियों को भारतीय कंपनियों के साथ मिलकर देश में ही करना होगा निर्माण, 21,500 करोड़ रुपये का होगा सौदा। तोपों के लिए 3,500 करोड़ खर्च करेगी सरकार।
स्वदेशी हथियारों के निर्माण को बढ़ावा देने और नौसेना की नए हेलीकॉप्टर की जरूरतों को पूरा करने के लिए रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने सामरिक साझेदारी नीति के तहत 111 यूटिलिटी चॉपर के उत्पादन को मंजूरी दे दी है। इस पर 21,500 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इसके साथ ही अमेरिका से 24 बहुउद्देश्यीय हेलीकॉप्टरों की सीधी खरीद की जाएगी। यह सौदा करीब 12,500 करोड़ रुपये का होगा।
रक्षा मंत्री ने सेना के लिए 150 एडवांस टोड आर्टिलरी गन सिस्टम यानी एटीएजीएस हॉवित्जर तोपों को खरीद को भी मंजूरी दे दी है। मेक-इन-इंडिया के तहत होने वाली खरीद पर 3,500 करोड़ रुपये खर्च होंगे। यह पहली बार होगा जब भारतीय निजी कंपनियों टाटा एवं भारत फोर्ज को हथियारों के उत्पादन का ठेका दिया जाएगा। 'माय नेशन' ने 24 अगस्त को ही यह खबर दे दी थी।
सूत्रों ने 'माय नेशन' को बताया, रक्षा खरीद परिषद की शनिवार को हुई बैठक में नौसेना के लिए हेलीकॉप्टर प्रोजेक्ट को मंजूरी दे दी गई। इससे नौसेना की लंबे समय से चली आ रही हेलीकॉप्टर की मांग पूरी हो सकेगी।
इस प्रोजेक्ट को मंजूरी दिए जाने के बाद अमेरिकी, यूरोपीय और रूसी कंपनियों के बीच सौदे के लिए होड़ होने की संभावना है। 111 हेलीकॉप्टरों की खरीद का यह प्रोजेक्ट 21,500 करोड़ रुपये का है। विदेशी कंपनियों को भारतीय साझीदारों के साथ मिलकर इन हेलीकॉप्टरों का निर्माण देश में ही करना होगा।
हाल ही में बनी सामरिक साझेदारी नीति के तहत हथियार प्रणाली एवं फ्लेटफॉर्म के उत्पादन से जुड़ा यह पहला प्रोजेक्ट है, जिसे सरकार ने मंजूरी दी है।