गृह मंत्री अमित शाह ने इंटरपोल के सेक्रेटरी जनरल जार्गेन स्टाक से मुलाकात की। अमित शाह ने सेक्रेटरी जनरल से साफ कहा कि इंटरपोल नोटिस को जारी करने में ज्यादा समय लगा रहा है। जिसके कारण अपराधी देश से फरार हो जाते हैं और बाद में उन्हें पकड़ना मुश्किल हो जाता है क्योंकि वह किसी देश वहां के पासपोर्ट या अन्य दस्तावेजों का इस्तेमाल कर अपनी पहचान छिपा लेते हैं।
नई दिल्ली। भारत के आर्थिक अपराधी हो या फिर अन्य अपराधी या आतंकी। अब इन अपराधियों की खैर नहीं। क्योंकि अपराध कर देश से भागने वाले ये अपराधी भले ही वह किसी भी देश में न छिपे ही क्यों न हों, अब उनकी मुश्किलें बढ़ने वाली हैं। आज केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने इंटरपोल के सेक्रेटरी जनरल जार्गेन स्टाक से मुलाकात की। अमित शाह ने इंटरपोल से अपराधियों के लिए नोटिस जारी करने में हो रही देरी पर नाराजगी जताई और उन्होंने इंटरपोल से एशिया में अपना सेंटर हब बनाने की मांग भी की।
गृह मंत्री अमित शाह ने इंटरपोल के सेक्रेटरी जनरल जार्गेन स्टाक से मुलाकात की। अमित शाह ने सेक्रेटरी जनरल से साफ कहा कि इंटरपोल नोटिस को जारी करने में ज्यादा समय लगा रहा है। जिसके कारण अपराधी देश से फरार हो जाते हैं और बाद में उन्हें पकड़ना मुश्किल हो जाता है क्योंकि वह किसी देश वहां के पासपोर्ट या अन्य दस्तावेजों का इस्तेमाल कर अपनी पहचान छिपा लेते हैं। उन्होंने कहा कि इसके लिए इंटरपोल को तत्परता दिखानी चाहिए। क्योंकि अपराधी किसी भी देश में हो, अपराध करने से नहीं चूकता है।
गृह मंत्री अमित शाह ने इस दौरान उन्होंने इंटरपोल सेक्रेटरी के सामने रेड नोटिस जारी होने में देरी की चिंता जाहिर की। भारत की तरफ से सेक्रेटरी जनरल को ये भी बताया गया कि देश की कई एजेंसी गंभीर अपराधों से लड़ने के लिए काम कर रही हैं और इन एजेंसियों को इंटरपोल से मदद चाहिए। ताकि अपराधियों को पकड़ा जा सके।
भारत की तरफ से इंटरपोल के सेक्रेटरी जनरल को प्रस्ताव दिया कि एजेंसी भारत में एशिया रीजन का रीजनल सेंटर बनाए। ताकि एशिया में और ज्यादा सक्रिय तौर पर अंतरराष्ट्रीय एजेंसी काम कर सके। गृहमंत्री ने कहा कि एजेंसी को भारत सरकार की अपील पर जल्द से जल्द रेड नोटिस जारी करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत में आतंकवाद, ड्रग ट्रैफिकिंग और अन्य गंभीर अपराध के खिलाफ जीरो टॉलरेंस पॉलिसी है। लिहाजा इंटरपोल इसके लिए भारत से साथ मिलकर और सहयोग करे।