लोकसभा चुनाव 2019 में बुरी तरह मात खाने के बाद कांग्रेस पार्टी की हालत ऐसी हो गई है कि कोई उसका नेतृत्व संभालने के लिए भी तैयार नहीं हो रहा है। बताया जा रहा है कि दो वरिष्ठ नेताओं को कांग्रेस अध्यक्ष का पद संभालने का प्रस्ताव दिया गया था। लेकिन उन्होंने इनकार कर दिया।
नई दिल्ली: कांग्रेस में नेतृत्व का संकट गहराता जा रहा है। बताया जा रहा है कि पार्टी के दो वरिष्ठ नेताओं पूर्व रक्षा मंत्री एके एंटनी और महासचिव केसी वेणुगोपाल के सामने कांग्रेस अध्यक्ष का पद संभालने का प्रस्ताव रखा गया था। लेकिन इन दोनों ने ही इनकार कर दिया।
पार्टी के सूत्रों ने जानकारी दी है कि पूर्व रक्षा मंत्री एके एंटनी ने अपने कमजोर स्वास्थ्य का हवाला देते हुए यह जिम्मेदारी उठाने से मना कर दिया। वहीं, केसी वेणुगोपाल का कहना था कि वह पहले से ही पार्टी को मजबूत बनाने की जिम्मेदारी में जुटे हुए हैं। ऐसे में वह एक और बड़ी जिम्मेदारी नहीं उठा सकते हैं। दरअसल वेणुगोपाल कर्नाटक के प्रभारी हैं, जहां कांग्रेस और जेडीएस की सरकार लगातार संकट में घिरी हुई है।
कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ सदस्य और गांधी परिवार के वफादार अहमद पटेल और गुलाम नबी आजाद इन दिनों कांग्रेस अध्यक्ष तलाशने की मुहिम में जुटे हुए हैं। इन दोनों ने ही एंटनी और वेणुगोपाल के सामने यह प्रस्ताव रखा था।
दरअसल चुनाव नतीजों के बाद 25 मई को कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक हुई थी। जिस दौरान वर्तमान अध्यक्ष राहुल गांधी ने अध्यक्ष पद से इस्तीफे की पेशकश कर दी थी। जिसके बाद से ही कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए नए चेहरों की तलाश की जा रही है।
लेकिन पार्टी और संगठन की बुरी हालत को देखते हुए कांग्रेस पार्टी में नेताओं का अकाल पड़ गया है। हालांकि कांग्रेस की शीर्ष निर्णायक समिति ने सर्वसम्मति से राहुल गांधी के इस्तीफे को अस्वीकार कर दिया है।
बताया जा रहा है कि एंटनी और वेणुगोपाल के मना कर देने के बाद कांग्रेस पार्टी उत्तर भारत के किसी वरिष्ठ नेता को पार्टी की कमान सौंपना चाहती है। लोकसभा चुनाव में हार के बाद कांग्रेस की कोर कमिटी भी भंग कर दी गई है।
पार्टी प्रवक्ता ने जानकारी दी है कि कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल जल्द ही राज्य प्रभारियों की एक बैठक बुलाएंगे। इसमें आगे की रणनीति पर चर्चा की जाएगी।