सीआरपीएफ का बड़ा फैसला, जवानों को परोसे जाने वाले खाने को पहले अधिकारी चखेंगे

By ankur sharma  |  First Published Mar 18, 2019, 3:24 PM IST

जवानों के खाने में जहर मिलाने की आईएसआई की साजिश को देखते हुए केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल की ओर से लिया गया अहम फैसला। अधिकारियों के चखने के 30 मिनट बाद ही जवानों को परोसा जाएगा खाना।
 

भारतीय सुरक्षा बलों से आमने-सामने की लड़ाई लड़ने से घबराने वाले पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी नई साजिश रच रही है। वह भारतीय जवानों के खाने में जहर मिलाने की फिराक में है। इस तरह की किसी भी साजिश को नाकाम करने के लिए सीआरपीएफ ने एक बड़ा फैसला लिया है। सीआरपीएफ के जवानों को परोसे जाने वाले खाने को पहले बल के अधिकारियों द्वारा चखा जाएगा। उनकी ओर से ग्रीन सिग्नल मिलने के बाद ही जवानों को खाना परोसा जाएगा। सीआरपीएफ ने पुलवामा में हुए आतंकी हमले में अपने 40 से ज्यादा जवानों को खोया है। 

सीआरपीएफ की ओर से जारी किए गए एक पत्र के अनुसार, मेस और कैंटीन में पकने वाले भोजन को पहले अधिकारियों द्वारा चखा जाएगा। इसके तीस मिनट बाद ही खाना जवानों को परोसा जाएगा। बल में मैस और कैंटीन सुविधाओं के लिए जिम्मेदार अधिकारियों को रोजाना की जानकारियों के लिए एक रजिस्टर भी रखना होगा। उन्हें खाने की गुणवत्ता लिखनी होगी और उसे मंजूरी भी देनी होगी। जब खाना तैयार किया जाएगा तो इसकी निगरानी एक निचरे स्तर के अधिकारी द्वारा की जाएगी। खुफिया एजेंसियों ने एक अलर्ट जारी कर कहा है कि आईएसआई जवानों को निशाना बनाने के लिए उनके खाने में जहर मिलाने की साजिश रच सकती है। 

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इस पत्र के मुताबिक, 'जवानों के लिए बनने वाले खाने को रोजाना अधिकारियों द्वारा चेक किया जाएगा। इसका ब्यौरा रजिस्टर में दर्ज करना होगा। अधिकारियों के चेक करने के 30 मिनट के बाद ही इसे जवानों को दिया जाएगा।' 

'माय नेशन' के पास उपलब्ध इस पत्र के अनुसार, 'जब खाना बन रहा होगा उस समय एक कांस्टेबल पूरी प्रक्रिया की निगरानी करेगा। अगर उसे कोई गड़बड़ी नजर आती है  तो वह अपने अधिकारियों को तुरंत इसकी सूचना देगा। इसके बाद खाने और गुणवत्ता को परखने के बाद इसे जवानों को दिया जाएगा। पूरी मामले की जांच बड़े अधिकारियों को दी जाएगी।'

अधिकारियों से कहा गया है कि वह उन दुकानों को भी चेक करेंगे जहां से खाने का  सामान मंगाया जाता है। कीमतों में अंतर होने के चलते किसी नई दुकान या रोड साइड पर बनी दुकान से यह सामग्री नहीं खरीदी जाएगी। 

 

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