बर्फ में जमे कश्मीर में सेना का जोश हाई, आतंकियों पर ताबड़तोड़ कार्रवाई, 72 घंटे में नौ का सफाया

By Arjun Singh  |  First Published Jan 23, 2019, 7:37 PM IST

- बुधवार को बारामुला में 3, मंगलवार को शोपियां में 3 और सोमवार को बड़गाम में 3 आतंकी मारे गए। 2019 में अब तक 16 आतंकियों का सफाया। 

जम्मू-कश्मीर से आतंकवाद के खात्मे के लिए चलाया जा रहा सुरक्षा बलों का ऑपरेशन ऑलआउट ताबड़तोड़ जारी है। पिछले 72 घंटे में सुरक्षा बलों ने अलग-अलग मुठभेड़ों में नौ आतंकियों को मार गिराया है। इस साल जनवरी महीने में अब तक 16 आतंकियों को ढेर किया जा चुका है। मारे गए आतंकियों में सबसे ज्यादा संख्या हिजबुल मुजाहिदीन के दहशतगर्दों की है। सेना साफ कर चुकी है कि देश के खिलाफ बंदूक उठाने वाले का अंजाम गोली है। 

बारामूला जिले में बुधवार को सुरक्षा बलों के साथ हुई मुठभेड़ में तीन आतंकवादी मारे गए। इलाके में आतंकवादियों की मौजूदगी के बारे में सूचना मिलने के बाद सुरक्षा बलों ने जिले के बिन्नेर इलाके की घेराबंदी की और तलाशी अभियान शुरू किया। इस दौरान शुरू हुई मुठभेड़ के बाद तीन आतंकी मार गिराए गए। मुठभेड़ में मारे गए आतंकवादियों की पहचान की पहचान की जा रही है।एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि घटनास्थल से हथियार और अन्य सामग्री बरामद की गई है। 

इससे पहले, मंगलवार को शोपियां में सुरक्षा बलों ने तीन आतंकवादियों को  ढेर कर दिया था। इन आतंकियों में एक आईपीएस अधिकारी का भाई भी शामिल था। तीनों आतंकी हिजबुल मुजाहिदीन से जुड़े थे। उनकी पहचान शम्सुल हक मंगू, आमिर सुहेल भट और शोएब अहमद शाह के रूप में हुई है। शम्सुल हक मंगू 2012 बैच के आईपीएस अधिकारी इनामुल हक मंगू का भाई है। इनामुल वर्तमान में पूर्वोत्तर में तैनात हैं। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि शम्सुल हक श्रीनगर के एक कॉलेज से यूनानी चिकित्सा की पढ़ाई करता था लेकिन पिछले वर्ष वह आतंकवादी बन गया। राष्ट्रीय राइफल्स (आरआर) और राज्य पुलिस के विशेष अभियान बल (एसओजी) ने आतंकवादियों के खिलाफ अभियान चलाया था। 

वहीं सोमवार को बड़गाम के हपतनाड़ में करीब आठ घंटे चली मुठभेड़ में हिजबुल मुजाहिदीन के तीन स्थानीय आतंकियों को मार गिराया गया। यह मुठभेड़ कश्मीर संभाग को जम्मू संभाग से अलग करने वाली पीर पंचाल पर्वत श्रृंखला के बाएं तरफ जिला बड़गाम में चरार-ए-शरीफ के जिनपंचाल, हपतनाड़ में हुई। सुबह आठ बजे सेना की 53 आरआर, राज्य पुलिस विशेष अभियान दल और सीआरपीएफ के जवानों के एक संयुक्त कार्यदल ने एक विशेष सूचना पर हपतनाड़ में घेराबंदी करते हुए तलाशी अभियान चलाया। हिमपात के बावजूद जवान जब तलाशी लेते हुए आगे बढ़ रहे थे तो एक जगह पहाड़ी में बने अपने ठिकाने में बैठे आतंकियों ने उनपर फायर कर दिया। जवानों ने भी जवाबी फायर किया। इसके साथ ही वहां मुठभेड़ शुरू हो गई। 

संबंधित अधिकारियों ने बताया कि दो आतंकी करीब एक घंटे की मुठभेड़ में ही मारे गए, लेकिन तीसरे आतंकी ने जवानों को मुठभेड़ में उलझाए रखा। दोपहर को जवानों ने आतंकी ठिकाना भी उड़ा दिया। इससे करीब एक घंटे तक गोलीबारी बंद रही। जवानों ने जैस ही ठिकाने की तरफ बढ़ना चाहा, तीसरा आतंकी फिर गोली चलाने लगा। जवानों ने भी जवाबी फायर किया और अगले आधे घंटे में उसे मार गिराया। मारे गए आतंकियों के पास से भारी मात्रा में हथियार और अन्य साजो सामान भी मिला है। तीनों हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकी थे। उनकी पहचान मंजूर अहमद निवासी सिरनू (पुलवामा), शाहिद बाबा निवासी द्रबगाम (पुलवामा) और हिलाल अहमद निवासी काकपोरा, (पुलवामा) के रूप में हुई है। 

इससे पहले, 13 जनवरी को कुलगाम में सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में खूंखार आतंकवादी कमांडर जीनत उल-इस्लाम मारा गया। वह मोस्ट वांटेड आतंकियों की सूची में शामिल था। जीनत को आईडी का विशेषज्ञ माना जाता था और वह इससे पहले हिजबुल मुजाहिद्दीन से जुड़ा था। जीनत उल इस्लाम के खात्म के बाद सेना की चिनार कोर (15 कोर) के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल अनिल भट्ट ने स्थानीय आतंकियों से कहा था कि वे या तो सरेंडर कर मुख्यधारा में लौट आएं या फिर अपने कमांडरों के साथ मरने के लिए तैयार रहें। 

15 Corps Commander Lieutenant General Anil Bhatt, in a message to local terrorists operating in Kashmir valley after elimination of top terror commander Zeenat-ul-Islam: Surrender and return to mainstream,as we will continue to eliminate terrorists and their commanders.(file pic) pic.twitter.com/TAjpz8UnA4

— ANI (@ANI)
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