असल में इस साल आस्कर में भारतीय फिल्मों के लिए खुशखबरी आयी थी। भारतीय प्रोड्यूसर की फिल्म पीरियड एंड ऑफ सेंटेंस को बेस्ट डॉक्यूमेंट्री शॉर्ट कैटिगरी फिल्म के लिए ऑस्कर अवॉर्ड दिया गया। हालांकि इस कतार में कई विदेशी फिल्में थी।
इस साल ऑस्कर में बेस्ट डॉक्यूमेंट्री फिल्म की कैटेगरी में पुरस्कार जीतने वाली ‘पीरियड एंड ऑफ सेंटेंस’ में अभिनय करने वाली सुमन और स्नेहा को अब केन्द्र की मोदी सरकार का सहारा मिला है। केन्द्र सरकार की एक टीम हापुड़ के काठीखेड़ा पहुंची और उसने केन्द्र सरकार की योजना तहत दोनों को मदद करने का आश्वासन दिया है। सुमन व स्नेहा ने फिल्म सैनेटरी नैपिकन की उपयोगिता को समझाया था।
ऑस्कर विजेता सुमन व स्नेहा को नौकरी को उनकी संस्था ने नौकरी से निकाल दिया था। असल में सुमन और स्नेहा को राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने 1-1 लाख रुपये का इनाम दिया था। जिस पर संस्था का कहना था कि वह दोनों इनाम में पैसे को संस्था के खाते में जमा कराए। क्योंकि संस्था की बदौलत ही उन्हें पुरस्कार मिला और इनाम भी। जबकि दोनों इसके लिए तैयार नहीं थे।
जिसके बाद संस्था ने उन्हें नौकरी से निकाल दिया। इस खबर के मीडिया में आने के बाद अब भारत सरकार के मिनिस्ट्री ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इनफॉर्मेशन टेक्नॉलाजी की टीम काठीखेड़ा गांव पहुंची। टीम ने दोनों को गांव में ही सैनेटरी नैपकिन (पैड) यूनिट लगाने और एनजीओ शुरू करने के लिए मदद देने का आश्वासन दिया है।
असल में इस साल आस्कर में भारतीय फिल्मों के लिए खुशखबरी आयी थी। भारतीय प्रोड्यूसर की फिल्म पीरियड एड ऑफ सेंटेंस को बेस्ट डॉक्यूमेंट्री शॉर्ट कैटिगरी फिल्म के लिए ऑस्कर अवॉर्ड दिया गया। हालांकि इस कतार में कई विदेशी फिल्में थी। लेकिन भारतीय फिल्म बाजी मारी। ऑस्कर मिलने के बाद दोनों चर्चा में आ गयी थी। हालांकि इन दोनों को नौकरी से निकालने वाली संस्था का कहना था कि स्नेहा ने कुछ महीने पहले नौकरी छोड़ दी है जबकि सुमन से चेक जमा करने को कहा था। फिलहाल केन्द्र के मदद के आश्वासन के बाद दोनों को राहत जरूर मिलेगी।