ओवैसी के बिगड़े बोल, कहा मस्जिद के लिए नहीं चाहिए खैरात की जमीन

हालांकि ये पहले ही माना जा रहा है कि अगर अगर कोर्ट हिंदू पक्ष के फैसला सुनाएगा तो ओवैसी का क्या रूख रहेगा। लिहाजा उन्होंने इसी आधार पर अपना तर्क रखा। हालांकि इससे पहले मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के वकील जफरयाब जिलानी ने भी कोर्ट के फैसले पर सवाल उठाए। जिलानी इस मामले में बोर्ड की तरफ से वकील हैं। जबकि अयोध्या मामले में रहे पक्षकार इकबाल अंसारी ने कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि कई सालों तक चले इस विवाद का अंत हो गया है। लिहाजा वह कोर्ट के फैसला का सम्मान करते हैं। 

Owaisi's words deteriorated, saying mosque does not require bailout land

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की बेंच का अयोध्या मामले में रामलला के पक्ष में फैसला सुनाए जाने के बाद ऑल इंडिया मजलिस इत्तिहादुल मुस्लमिन (एआईएमआईएम) नेता असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि उन्हें किसी भी मस्जिद बनाने के लिए सरकार से खैरात की जमीन की कोई जरूरत नहीं है। ओवैसी ने साफ किया है कि वह सुप्रीम कोर्ट का सम्मान करते हैं। लेकिन कोर्ट के फैसले को लेकर इत्तेफाक नहीं रखते हैं।

Owaisi's words deteriorated, saying mosque does not require bailout land

हालांकि ये पहले ही माना जा रहा है कि अगर अगर कोर्ट हिंदू पक्ष के फैसला सुनाएगा तो ओवैसी का क्या रूख रहेगा। लिहाजा उन्होंने इसी आधार पर अपना तर्क रखा। हालांकि इससे पहले मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के वकील जफरयाब जिलानी ने भी कोर्ट के फैसले पर सवाल उठाए। जिलानी इस मामले में बोर्ड की तरफ से वकील हैं। जबकि अयोध्या मामले में रहे पक्षकार इकबाल अंसारी ने कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि कई सालों तक चले इस विवाद का अंत हो गया है।

लिहाजा वह कोर्ट के फैसला का सम्मान करते हैं। वहीं  असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि वह फैसले से संतुष्ट नहीं हैं। क्योंकि सुप्रीम कोर्ट सर्वोच्च है। लेकिन उससे भी गलती हो सकती है।  उन्होंने कहा कि उन्हें देश के संविधान पर पूरा भरोसा है। लेकिन कोर्ट ने जिस तरह से कोर्ट ने पांच एकड़ जमीन देने का फैसला सुनाया है। उसकी हमें जरूरत नहीं है। क्योंकि हमें किसी की खैरात नहीं चाहिए। उन्होंने कहा कि मुस्लिम पक्ष को इस जमीन को अस्वीकार करना चाहिए। क्योंकि मस्जिद बनाने के लिए खैरात की जमीन की जरूरत नहीं है।

औवेसी ने कहा कि मैं उन मुस्लिम वकीलों का शुक्रिया अदा करना चाहता हूं। जिन्होंने इस केस को लड़ा और जिस तरीके से कोर्ट के सामने अपना पक्ष रखा।  गौरतलब है कि आज सुप्रीम कोर्ट ने राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद मामले ऐतिहासिक फैसला सुनते हुए विवादित जमीन को रामलला का बताया है और इसे हिंदूओं को सौंपा है। वहीं कोर्ट ने काह कि सरकार मुस्लिम पक्ष को 5 एकड़ जमीन अयोध्या में कहीं और दें और ताकि उसमें मस्जिद बनाई जा सके।

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