पाकिस्तान में इमरान खान और पाकिस्तानी सेना के गठजोड़ के बाद साफ हो गया है कि इमरान खान को सेना अब तानाशाह बना रही है। इसके पीछे सेना की रणनीति ये हो सकती है कि इमरान खान सरकार को इतना बदनाम कर दो ताकि बाद में सेना अपने हाथ में देश की कमान ले सके। लिहाजा अब पाकिस्तान की नियामक आयोग ने टीवी चैनलों के एंकरों की राय देने पर बैन लगा दिया है।
नई दिल्ली। पाकिस्तान में इमरान खान अब एक तानाशाह के तौर पर उभर रहे हैं। इमरान सरकार के आदेश पर अब पाकिस्तान के टीवी चैनलों में टीवी एंकर अपनी राय नहीं दे सकेंगे। बल्कि केवल समाचार पढ़ सकेंगे। अब वो ये नहीं कह सकते हैं कि सरकार या इमरान खान को ये करना चाहिए। इसके लिए पाकिस्तान की इलेक्ट्रॉनिक मीडिया नियामक ने 'टॉक शो के दौरान टीवी एंकरों के राय देने पर रोक लगा दी है।
पाकिस्तान में इमरान खान और पाकिस्तानी सेना के गठजोड़ के बाद साफ हो गया है कि इमरान खान को सेना अब तानाशाह बना रही है। इसके पीछे सेना की रणनीति ये हो सकती है कि इमरान खान सरकार को इतना बदनाम कर दो ताकि बाद में सेना अपने हाथ में देश की कमान ले सके। लिहाजा अब पाकिस्तान की नियामक आयोग ने टीवी चैनलों के एंकरों की राय देने पर बैन लगा दिया है।
टीवी एंकर की भूमिका महज 'संचालन' तक ही सीमित होगी। ये एक तरह से मीडिया पर अंकुश लगाने की कोशिश देखी जा रही है। क्योंकि टीवी चैनलों में इमरान खान सरकार के खिलाफ एंकर और डिबेट में हिस्सा लेने वाले जमकर आग उगलते हैं। जिसके बाद इमरान खान सरकार ने इसका फैसला लिया है।
जानकारी के मुताबिक इस आदेश के तहत पाकिस्तान इलेक्ट्रॉनिक मीडिया रेगुलेटर अथॉरिटी (पीईएमआरए) ने एंकरों को निर्देश दिया कि वे अपने या दूसरे चैनलों के टॉक शो में अपनी राय न दें और न ही विशेषज्ञ की तरह पेश हों। असल में इमरान खान कई मोर्चो पर विफल साबित हुई है। देश के आर्थिक हालात खराब हैं और बेरोजागारी बढ़ी हुई है। वहीं कश्मीर के मुद्दे पर इमरान खान सरकार देश के साथ ही विदेशों में मुंह की खा चुकी है।
इसके साथ ही पाकिस्तान में मौलाना फजलुर्रमान आजादी मार्च निकाल रहे हैं। जो पाकिस्तान में इमरान खान सरकार से आजादी चाहते हैं। ये मार्च अब 31 अक्टूबूर को इस्लामाबाद पहुंचेगे। जिसको लेकर पाकिस्तान में इमरान खान सरकार की मुश्किलें बढ़ी हुई है और इसे दबाने के लिए इमरान खान सरकार सेना की मदद ले रही है।
फिलहाल टीवी चैनलों को नियामक निकाय ने निर्देश दिया कि वे टॉक शो के लिये मेहमानों का चयन बेहद सतर्कता से करें। उसे उस विषय का ज्ञान हो और विशेषज्ञता हो तभी उसे बुलाया जाए। क्योंकि अकसर लोगों को जानकारी नहीं होती है और वह भ्रामक जानकारियां टीवी चैनलों के जरिए जनता के सामने पेश करते हैं।