पाकिस्तान ने अमेरिका से फरियाद की है कि अमेरिका की तरफ से रोकी गई सैन्य सहायता फिर शुरू की जाय। उधर अमेरिका ने पाकिस्तान को एक बार फिर आतंक को पनाह न देने की चेतावनी दी है। अमेरिका ने इस बात पर जोर दिया है कि पाकिस्तान आतंकवादियों के प्रति अपने रुख में बदलाव करे।
वाशिंगटन— ट्रंप प्रशासन ने पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी के साथ इस सप्ताह हुई बैठक में सुरक्षा सहायता रोकने और आतंकवादियों के खिलाफ नये सिरे से प्रभावी अभियान के महत्व पर चर्चा की।
व्हाइट हाउस की तरफ से यह जानकारी दी गई है।
बता दें कि कुरैशी ने दो अक्टूबर को वाशिंगटन में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन बोल्टन और विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ के साथ मुलाकात की थी। इस दौरान उन्होंने अपने अमेरिकी समकक्ष और वहां के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार से सैन्य मदद फिर से हासिल करने की गुहार लगाई।
पाकिस्तान को सहायता रोके जाने और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में इस्लामाबाद की ओर से उठाए गए कदमों के बारे में पूछे जाने पर बोल्टन ने संवाददाताओं को बताया, ‘‘मैंने विदेश मंत्री से इसपर चर्चा की।’’
बोल्टन ने बताया, ‘‘हमने निश्चित रूप से सुरक्षा सहायता रोके जाने और आतंकवाद के खिलाफ पाकिस्तान की ओर से नये सिरे से प्रभावी अभियान चलाए जाने के महत्व पर बातचीत की।’’
उन्होंने बताया कि इसके अलावा हमने कई अन्य मुद्दों पर भी चर्चा की।
बोल्टन ने कहा, ‘‘कुछ हफ्ते पहले माइक पोम्पिओ की पाकिस्तान यात्रा के बाद मेरा मानना है कि एक चीज जिसपर हम जोर देना चाहते थे, वह यह है कि हमें वहां की नई सरकार से उम्मीदें हैं और हम नई शुरूआत करेंगे और आगे बढ़ेंगे।’’
बता दें कि आतंकवाद के खिलाफ प्रभावी कदम ना उठा पाने, पाकिस्तान के सीमावर्ती इलाकों में आतंकवादी कैम्पों के सक्रिय होने और परमाणु हथियारों के आतंकवादियों के हाथ लग जाने की आशंका के मद्देनजर अमेरिकी सरकार ने पाकिस्तान को दी जाने वाली 300 मिलियन डॉलर की मदद को रोक दिया था। यह मदद पाकिस्तान की ओर से पाकिस्तान को सैन्य सहायता के नाम दी जा रही थी।
अमेरिका लगातार अफगानिस्तान और भारत में आतंकवादी गतिविधियों को शह न देने की चेतावनी पाकिस्तान को देता आ रहा है।
भाषा से इनपुट के साथ