अमेरिका में महंगे होटल से इमरान की तौबा-तौबा, खर्च बचाने को पाक पीएम बेच चुकें हैं भैंसें

By Team MyNationFirst Published Jul 8, 2019, 9:11 PM IST
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इमरान खान के अमेरिका दौरे में महंगे होटलों से दूरी बनाने का फैसला किया है। लेकिन अमेरिका की सुरक्षा एजेंसियों ने अभी तक इस पर सहमति नहीं दी है। लेकिन इमरान खान देश की आर्थिक हालत समझ रहे हैं। लिहाजा उन्होंने महंगे होटल से तौबा की है। पिछले साल ही पाकिस्तान में सरकार बनाने के बाद इमरान खान ने आर्थिक तौर पर कमजोर हो चुके देश में सरकारी खर्चों पर कटौती करने का फैसला किया था।

आतंकवाद का सरपरस्त पाकिस्तान आर्थिक तौर पर कंगाल होता जा रहा है। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान अपने अमेरिकी दौरे पर अमेरिका के महंगे होटलों में नहीं रुकेंगे बल्कि वह खर्च बचाने के लिए पाकिस्तान के राजदूत के सरकारी आवास पर रूकेंगे। इमरान खान 21 जुलाई से तीन दिन के दौरे पर अमेरिका जा रहे हैं। हालांकि इमरान खान इस तरह के तुगलकी फैसले पहले भी ले चुके हैं।

हालांकि पाकिस्तान सरकार ने इमरान के अमेरिका दौरे में महंगे होटलों से दूरी बनाने का फैसला किया है। लेकिन अमेरिका की सुरक्षा एजेंसियों ने अभी तक इस पर सहमति नहीं दी है। लेकिन इमरान खान देश की आर्थिक हालत समझ रहे हैं। लिहाजा उन्होंने महंगे होटल से तौबा की है।

पिछले साल ही पाकिस्तान में सरकार बनाने के बाद इमरान खान ने आर्थिक तौर पर कमजोर हो चुके देश में सरकारी खर्चों पर कटौती करने का फैसला किया था। जिसके बाद उन्होंने सरकारी लग्ज री वाहनों की नीलामी का फैसला लिया। उन्होंने पीएम आवास पर मौजूद 100 से अधिक लग्ज री कारों के साथ ही बुलेटब्रूफ वाहन की नीलामी की।

इसके साथ ही इमरान खान ने प्रधानमंत्री आवास की 8  भैंसों की भी नीलामी की। इन भैंसों को पूर्व प्रधानामंत्री नवाज शरीफ ने पाला था। इन भैंसों को बेचने पर सरकार को 23 लाख रुपए की आय हुई थी। हालांकि इमरान के इन फैसलों को लेकर सोशल मीडिया में जमकर मजाक भी बनाया गया था।

लेकिन अब इमरान खान ने अमेरिका दौरे पर सरकारी खर्च को कम करने के लिए महंगे होटलों से तौबा की है। लेकिन अभी तक अमेरिकी सुरक्षा एजेंसियों ने इस पर सहमति नहीं दी है। क्योंकि एजेंसियों का कहना है कि उनकी सुरक्षा को देखते हुए अभी इस पर कोई फैसला नहीं हुआ है।

असल में जब भी कोई राष्ट्राध्यक्ष अमेरिका आता है तो अमेरिकी सीक्रेट सर्विस उसकी सुरक्षा की जिम्मेदारी ले लेती है। इसके साथ ही स्थानीय प्रशासन को भी इसकी जानकारी दी जाती है। ताकि आम लोगों को कोई दिक्कत न हो।

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