इमरान के करीबी पाकिस्तानी एक्टर का सनसनीखेज खुलासा कहा हां मैं हूं ‘आईएसआई एजेंट’

By Team MyNation  |  First Published Aug 17, 2019, 9:28 AM IST

असल में कुछ दिन एक भारतीय चैनल का दावा था कि अब्बासी आईएसआई का अंडरकवर एजेंट हूं। लेकिन अब अब्बासी ने ट्वीट कर कहा कि वह कोई अंडरकवर एजेंट नहीं बल्कि पूरी तरह से आईएसआई एजेंट हैं। पाकिस्तानी फिल्म एक्टर अब्बासी ने तंज कसते हुए कहा कि वो ही नहीं बल्कि पाकिस्तान के बीस करोड़ नागरिक आईएसआई के लिए काम करते हैं। हमजा अली को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान का करीबी माना जाता है।

नई दिल्ली। पाकिस्तानी एक्टर हमजा अली अब्बासी ने सबसे बड़ा खुलासा करते हुए कहा कि वह आईएसआई के एजेंट हैं। उन्होंने कहा कि वह वह कोई अंडरकवर एजेंट नहीं बल्कि आईएसआई एजेंट हैं। अब्बासी ने पाकिस्तान के स्वतंत्रता दिवस पर ट्वीट किया है।  एक भारतीय टीवी चैनल ने दावा किया कि अब्बासी ने दावा किया है कि वह कोई अंडरकवर एजेंट नहीं बल्कि आईएसआई एजेंट हैं।

असल में कुछ दिन एक भारतीय चैनल का दावा था कि अब्बासी आईएसआई का अंडरकवर एजेंट हूं। लेकिन अब अब्बासी ने ट्वीट कर कहा कि वह कोई अंडरकवर एजेंट नहीं बल्कि पूरी तरह से आईएसआई एजेंट हैं। पाकिस्तानी फिल्म एक्टर अब्बासी ने तंज कसते हुए कहा कि वो ही नहीं बल्कि पाकिस्तान के बीस करोड़ नागरिक आईएसआई के लिए काम करते हैं। हमजा अली को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान का करीबी माना जाता है। जिन्हें आईएसआई और पाकिस्तानी सेना का समर्थन है। अब्बासी इमरान की पार्टी पीटीआई के चुनावी रैलियों में नजर आ चुके हैं।

पाकिस्तान ने अपने स्वतंत्रता दिवस काला दिवस के तौर पर मनाया। पाकिस्तानी सरकार ने ये विरोध जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के विरोध में जताया था। अब्बासी ने 14 अगस्त को मुज्जफराबाद में इमरान खान द्वारा दिए गए भाषण का समर्थन किया था। जिसमें उन्होंने भारत सरकार, नरेंद्र मोदी और आरएसएस पर कई आरोप लगाए थे। हमजा ने कहा कि भारत सरकार पर कश्मीरियों पर जुल्म कर रही है।

गौरतलब है कि पाकिस्तान में मीडिया नियामक भी एक बार अब्बासी के बयानों के कारण प्रतिबंध लगा चुकी है। पाकिस्तान इलेक्ट्रॉनिक मीडिया नियामक प्राधिकरण (पीईएमआरए) ने हमजा अली अब्बासी को एक शो की मेजबानी करने से रोक दिया था। क्योंकि उसने पाकिस्तान में रह रहे अहमिदया समुदाय को जायज ठहराया था। यही नहीं अपने शो में अब्बासी ने ईशनिंदा कानून और कादियानी पंथ के लोगों को गैर-मुस्लिम करार देने के सरकार के फैसले पर खुली बहस का वादा भी किया था।

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