महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के बाद से ही भाजपा नेता और पूर्व मंत्री पंकजा मुंडे पार्टी से नाराज चल रही थी। असल में विधानसभा चुनाव में पंकजा को उन्हीं के चचेरे भाई और महाराष्ट्र सरकार के मंत्री धनंजय मुंडे हरा दिया था। पंकजा का आरोप है कि पार्टी के एक गुट ने उन्हें हराने अहम भूमिका निभाई थी।
मुंबई। महाराष्ट्र की भाजपा की नाराज नेता पंकजा मुंडे की लगता है कि नाराजगी कम होने लगी है। कई दिनों से सोशल मीडिया और पार्टी के सार्वजनिक मंचों से दूर रहने वाली पंकजा ने पार्टी के नए अध्यक्ष जेपी नड्डा को बधाई दी है। पंकजा ने ट्वीट पर लिखा है कि ''भाजपा अध्यक्ष चुने जाने पर श्री जेपी नड्डा जी को हार्दिक बधाई।
महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के बाद से ही भाजपा नेता और पूर्व मंत्री पंकजा मुंडे पार्टी से नाराज चल रही थी। असल में विधानसभा चुनाव में पंकजा को उन्हीं के चचेरे भाई और महाराष्ट्र सरकार के मंत्री धनंजय मुंडे हरा दिया था। पंकजा का आरोप है कि पार्टी के एक गुट ने उन्हें हराने अहम भूमिका निभाई थी। हालांकि उन्होंने इसके लिए परोक्ष तौर पर राज्य के पूर्व सीएम देवेन्द्र फडणवीस को जिम्मेदार ठहराया था। वहीं अपनी हार के बाद पंकजा ने पार्टी के सार्वजनिक कार्यक्रमों से दूरी बनाना शुरू कर दिया है।
वहीं पिछले दिनों अपने पिता स्वर्गीय गोपीनाथ मुंडे के पुण्यतिथि के मौके पर उन्होंने अपने समर्थकों के साथ बड़े कार्यक्रम का आयोजन किया था और उन्होंने कहा था कि वह अब अपने क्षेत्र के विकास के लिए पूरे राज्य में रैली निकालेंगी। हालांकि पंकजा का दावा है कि पार्टी से नाखुश नहीं हैं, लेकिन भाजपा उनके पार्टी में बने रहने पर फैसला करने के लिए स्वतंत्र है। हालांकि राजनीति के जानकारों का कहना है पंकजा पार्टी पर दबाव बनाना चाहती है। जिसके लिए उन्होंने अपने समर्थकों के साथ रैली की।
पार्टी छोड़ने के सवाल पर पकंजा ने कहा ये मेरी पार्टी है, मेरे पापा की पार्टी है। मैं पार्टी नहीं छोडूगी। अगर पार्टी चाहे तो मुझे छोड़ दे। गौरतलब है कि पंकजा की राज्य के पूर्व सीएम देवेन्द्र फडणवीस के साथ छत्तीस का आंकड़ा है और पूर्व की राज्य की भाजपा सरकार में दोनों के बीच संबंध भी बेहतर नहीं थे। जबकि पंकजा फडणवीस कैबिनेट में मंत्री थी।