लॉकडाउन में चाइल्‍ड पॉर्नोग्राफी देख रहे लोग!

By Team MyNation  |  First Published Apr 14, 2020, 10:30 AM IST
इंडिया चाइल्ड प्रोटेक्शन फंड (आईसीपीएफ)  का कहना है कि दिल्ली, चेन्नई, मुंबई, कोलकाता, भुवनेश्वर और इंदौर समेत भारत के 100 शहरों में चाइल्ड पोर्नोग्राफी की मांग की जा रही है। जो एक चिंता की बात है। जबकि सरकार द्वारा लोगों से घरों में रहने की अपील की गई है। देश में चाइल्‍ड पॉर्नोग्राफी की मांग बढ़ गई है और इंटरनेट पर पॉर्नोग्राफी को खूब देखा जा रहा है।
नई दिल्ली। क्या लॉकडाउन के दौरान भारतीय घरों में बैठकर में इंटरनेट पर खूब चाइल्‍ड पॉर्नोग्राफी देख रहे है। यही नहीं देश के विभिन्न शहरों में लोग पोर्न फिल्मों को सर्च भी कर रहे हैं। इंडिया चाइल्ड प्रोटेक्शन फंड (आईसीपीएफ) ने जो रिपोर्ट जारी  कि है उसके मुताबिक लॉकडाउन के दौरान देश में चाइल्ड पोर्न फिल्में देखी जा रही है।


इंडिया चाइल्ड प्रोटेक्शन फंड (आईसीपीएफ)  का कहना है कि दिल्ली, चेन्नई, मुंबई, कोलकाता, भुवनेश्वर और इंदौर समेत भारत के 100 शहरों में चाइल्ड पोर्नोग्राफी की मांग की जा रही है। जो एक चिंता की बात है। जबकि सरकार द्वारा लोगों से घरों में रहने की अपील की गई है। देश में चाइल्‍ड पॉर्नोग्राफी की मांग बढ़ गई है और इंटरनेट पर पॉर्नोग्राफी को खूब देखा जा रा रहा है। वहीं लोग इंटरनेट पर चाइल्‍ड पॉर्नोग्राफी खूब सर्च कर रहे हैं। गौरतलब है कि देश में पॉर्नो फिल्मों पर बैन है।

लेकिन उसके बावजदू विभिन्न वेबसाइटों के जरिए इसे देखा जा रहा है। वहीं इंडिया चाइल्ड प्रोटेक्शन फंड (आईसीपीएफ) ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान जो तस्वीर सामने आ रही है वह अच्छी नहीं है। क्योंकि लोग लॉकडाउन के दौरान पॉर्न फिल्में देख रहे हैं। संस्था का कहना है कि इंटरनेट पर 'चाइल्ड पोर्न' 'सेक्सी चाइल्ड' और ‘टीन सेक्स वीडियोज' जैसे टाइल्स सर्च किए जा रहे हैं और इसकी मांग लगातार बढ़ रही है।


देश में सबसे अधिक जेनेरिक चाइल्‍ड पॉर्नोग्राफी की मांग चेन्‍नई और भुवनेश्‍वर में बढ़ी है वहीं कोलकाता, सिलीगुड़ी, हावड़ा, चंडीगढ़, गुवाहाटी, इंदौर, भुवनेश्‍वर और चेन्‍नई में इस तरह के टाइल सर्च किए जा रहे हैं। इसके अलावा देश के दूसरे अन्य शहरों में भी पॉर्न फिल्मों की इंटरनेट में मांग बढ़ रही है। नई दिल्ली, लुधियाना, रायपुरा, लखनऊ, चंडीगढ़, आगरा और शिमला में इन फिल्मों की मांग की जा रही है। संस्था का कहना है कि पॉर्न फिल्मों की मांग बढ़ने से बच्चों के प्रति यौन शोषण बढ़ सकते हैं।
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