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महंगे पेट्रोल के लिए रहें तैयार, आम आदमी की जेब पर पड़ेगा असर

Published : Apr 24, 2019, 10:22 AM ISTUpdated : Apr 24, 2019, 10:34 AM IST
महंगे पेट्रोल के लिए रहें तैयार, आम आदमी की जेब पर पड़ेगा असर

सार

फिलहाल भारत ने ईरान से तेल आयात बंद करने की तैयारी कर दी है। क्योंकि अमेरिकी प्रतिबंधों के कारण भारत को ईरान से तेल आयात बंद करना पड़ेगा। अभी तक अमेरिका ने भारत को कई तरह की रियायतें दी हैं। जिसके कारण भारत को ईरान से कच्चा तेल आयात करने में रियायतें मिलती थी। लेकिन ईरान और अमेरिका के बीच तल्ख होते रिश्तों के बाद पेट्रोल की कीमतों में इजाफा होना तय है।

भारत समेत कई देशों पर अमेरिकी दबाव के कारण देश में पेट्रोल की कीमतों में आने वाले दिनों में इजाफा हो सकता है। जाहिर है इसका असर आम आदमी की जेब पर भी पड़ेगा और इसका प्रभाव सीधे तौर पर मंहगाई पर भी पड़ेगा। हालांकि ईरान से तेल खरीदने पर लगने वाले प्रतिबंध के कारण भारत के साथ ही अन्य देशों पर इसका असर पड़ेगा। फिलहाल भारत सरकार ने अन्य विकल्पों पर विचार करना शुरू कर दिया है। 

फिलहाल भारत ने ईरान से तेल आयात बंद करने की तैयारी कर दी है। क्योंकि अमेरिकी प्रतिबंधों के कारण भारत को ईरान से तेल आयात बंद करना पड़ेगा। अभी तक अमेरिका ने भारत को कई तरह की रियायतें दी हैं। जिसके कारण भारत को ईरान से कच्चा तेल आयात करने में रियायतें मिलती थी। लेकिन ईरान और अमेरिका के बीच तल्ख होते रिश्तों के बाद पेट्रोल की कीमतों में इजाफा होना तय है। भारत ईरान से अपनी खपत का दस फीसदी तेल आयात करता है। फिलहाल भारत इसकी भरपाई के लिए सऊदी अरब, कुवैत, यूएई और मैक्सिको से ज्यादा तेल आयात बढ़ाने की योजना बना रहा है
 इसे भी पढ़ें: लोकसभा चुनावों के बीच महंगाई की दस्तक, अब बढ़ेगी तेल की कीमतें

गौरतलब है कि दो दिन पहले ही अमेरिका के ट्रंप प्रशासन ने भारत समेत 8 देशों को ईरान से कच्चा तेल आयात करने को लेकर मिली छूट को खत्म करने का फैसला किया। हालांकि सबकी नजर दो मई को अमेरिका और भारत सरकार की होने वाली बैठक पर नजर लगी है। जहां भारत की तरफ से इसका मामले उठाया जाएगा और छूट की अवधि को आगे बढ़ाने की मांग की जा सकती है। लेकिन फैसला अमेरिका प्रशासन को ही लेना है।

ईरान से तेल आयात पर प्रतिबंध का असर तेल आयात करने वाली कंपनियों पर भी पड़ेगा क्योंकि ईरान भारत को उधार में देता है और ये 60 दिन की अवधि के लिए मिलता है। लेकिन अगर भारत अन्य देशों से कच्चा तेल खरीदेगा तो उसे नगद पैसा देना पड़ेगा। हालांकि कुछ देश 15 दिन के लिए उधार देते हैं। फिलहाल अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत 74.5 डॉलर प्रति बैरल के आसपास है और पिछले छह महीने के उच्चतम स्तर पर है। जानकारों के मुताबिक आने वाले समय में कच्चे तेल की कीमत 85 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच सकती है

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