तो भाजपा की बागी सांसद सपा के टिकट पर लड़ेगी चुनाव, कांग्रेस के बाद अब सपा से बढ़ी नजदीकियां

By Team MyNation  |  First Published Jan 18, 2019, 12:04 PM IST

आगामी लोकसभा चुनाव में अपनी टिकट का खतरा भांप कर फुले ने पहले भाजपा के खिलाफ जमकर हमला बोला फिर उसके बाद पार्टी से किनारा कर लिया। फुले के भाजपा छोड़ने पर ये कयास लगाए जा रहे थे कि फुले बसपा को ज्वाइन करेंगी. 

भाजपा की बागी और बहराइच से सांसद साध्वी सावित्री बाई फुले आगामी लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए विभिन्न पार्टियों के संपर्क में हैं। फुले पहले बहराइच से कांग्रेस से टिकट चाह रही थी. लेकिन इस सुरक्षित सीट पर कांग्रेस के ही एक दिग्गज चुनाव लड़ने की तैयारी में हैं. लिहाजा उन्हें पार्टी ने वहां से टिकट दिया.

आगामी लोकसभा चुनाव में अपनी टिकट का खतरा भांप कर फुले ने पहले भाजपा के खिलाफ जमकर हमला बोला फिर उसके बाद पार्टी से किनारा कर लिया। फुले के भाजपा छोड़ने पर ये कयास लगाए जा रहे थे कि फुले बसपा को ज्वाइन करेंगी. लेकिन बसपा प्रमुख मायावती ने फुले को पार्टी में शामिल करने के लिए कोई इशारा राज्य नेतृत्व को नहीं किया. जिसके कारण फुले की पिछले दिनों कांग्रेस के नेताओं से मुलाकात भी हुई. हालांकि फुले बहराइच से टिकट चाह रही थी. जबकि पार्टी के एक दिग्गज नेता इस सीट से चुनाव लड़ने की तैयारी में हैं.

क्योंकि बहराइच सीट सुरक्षित है. इसके बाद पिछले कुछ दिनों से फुले सपा नेताओं के संपर्क में थी. लिहाजा गुरूवार को उनकी सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव से मुलाकात हुई. सपा-बसपा गठबंधन की घोषणा के बाद भाजपा ही नहीं अन्य दूसरे दलों के नेता सपा में उम्मीदवारी की तलाश में जुटे हुए हैं. साध्वी फुले ने कई दिन पहले सपा के ही एक सांसद के जरिए अखिलेश से मिलने की इच्छा जताई.

सूत्रों का कहना है कि अखिलेश यादव ने साध्वी फुले को भरोसा दिया है कि वे उनके नाम पर विचार करेंगे. गठबंधन में सपा को 38 सीटें मिली हैं. असल में साध्वी फुले साल 2012 के विधानसभा चुनाव में श्रावस्ती की बिल्हा सीट से भाजपा विधायक चुनी गयीं थीं. मगर दो साल बाद ही 2014 में हुए लोकसभा चुनाव में भाजपा ने उन्हें बहराइच से मैदान में उतारा और वह चुनाव जीतीं.


 

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