जदयू से बाहर निकलते ही पीके की बल्ले-बल्ले

Published : Feb 03, 2020, 07:44 AM IST
जदयू से बाहर निकलते ही पीके की बल्ले-बल्ले

सार

प्रशांत किशोर को हाल ही में जनता दल (युनाइटेड) द्वारा पार्टी नागरिकता (संशोधन) अधिनियम और दिल्ली विधानसभा चुनाव में भाजपा से गठबंधन के विरोध पर  निष्कासित कर दिया गया था। फिलहाल प्रशांत किशोर 2021 में पश्चिम बंगाल में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए टीएमसी के साथ जुड़े हुए हैं। वहीं कर्नाटक की जनता दल सेकुलर भी राज्य में अपनी स्थिति को मजबूत करने के लिए प्रशांत किशोर की सेवाओं को लेने की योजना बना रही है। 

नई दिल्ली। दो दिन पहले ही जनता दल यूनाइटेड से बाहर किए गए चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर की बल्ले होने लगी है। जदयू से बाहर किए जाने के बाद हालांकि प्रशांत किशोर ने अपनी भविष्य की योजनाओं पर अभी तक चुप्पी साधी है। लेकिन तमिलनाडू की डीएमके ने पीके की कंपनी आई-पैक को तमिलनाडु विधानसभा चुनाव के लिए कांट्रेक्ट दिया है। डीएमके राज्य की सत्ता से बाहर है। हालांकि लोकसभा चुनाव में पार्टी ने अच्छा प्रदर्शन किया था।

राज्य में डीएमके सत्ता में फिर से काबिज होना चाहती है। हालांकि राज्य में डीएमके का चेहरा कहे जाने वाले करूणानिधि अब नहीं रहे हैं। लेकिन पार्टी फिर से विधानसभा चुनाव के जरिए राज्य की सत्ता पर आना चाहती है। राज्य में अगले साल विधानसभा के चुनाव होने हैं। डीएमके के अध्यक्ष एमके स्टालिन ने चेन्नई में पार्टी की सामान्य परिषद की बैठक इस बात का ऐलान किया कि विधानसभा चुनाव के लिए चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर की आई-पीएसी को कांट्रेक्ट दिया जा रहा है।

डीएमके राज्य की सत्ता से एक दशक से बाहर है। स्टालिन ने कहा कि समान विचारधारा वाले युवा पेशेवर हमारे 2021 के चुनाव में हमारे साथ काम करने के लिए जुड़ रहे हैं। गौरतलब है कि प्रशांत किशोर को हाल ही में जनता दल (युनाइटेड) द्वारा पार्टी नागरिकता (संशोधन) अधिनियम और दिल्ली विधानसभा चुनाव में भाजपा से गठबंधन के विरोध पर  निष्कासित कर दिया गया था। फिलहाल प्रशांत किशोर 2021 में पश्चिम बंगाल में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए टीएमसी के साथ जुड़े हुए हैं।

वहीं कर्नाटक की जनता दल सेकुलर भी राज्य में अपनी स्थिति को मजबूत करने के लिए प्रशांत किशोर की सेवाओं को लेने की योजना बना रही है। जदएस के नेता कुमारस्वामी ने हालांकि इस पर कोई फैसला नहीं किया है। लेकिन चर्चा है कि राज्य में पार्टी को फिर से पुनर्जीवत करने के लिए जदएस पीके की मदद लेने की योजना पर विचार कर रही है।
 

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