नीतीश की फटकार के बाद पीके खामोश! बोले, दिल्ली के नतीजों के बाद करेंगे बिहार पर बात

दो दिन पहले ही नीतीश कुमार ने साफ किया था कि पार्टी के भीतर अनुशासनहीनता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। इसके लिए उन्होंने पार्टी के महासचिव पवन वर्मा के लिए यहां तक कह दिया था  कि अगर उन्हें कहीं और जाना है तो वह जा सकते हैं। इसके बाद उन्होंने पार्टी के उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर के लिए भी कड़ा संदेश दिया था कि नागरिकता संसोधन कानून को लेकर पार्टी की आम राय थी और इसी पर फैसला किया गया है।

PK, silenced after Nitish's rebuke! After Delhi's results, we will talk on Bihar

नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा चुनाव के परिणाम देश की राजनीति की दिशा तय करेंगे। ये चुनाव बिहार में भारतीय जनता पार्टी और जनता दल यूनाइटेड के विधानसभा चुनाव के लिए बड़े गठबंधन का भी भविष्य तय करेंगे। लिहाजा पार्टी के भीतर अपने बयानों को लेकर नीतीश कुमार के निशाने पर आए जनता दल यूनाइटेड के उपाध्यक्ष और रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने तंज किया है कि दिल्ली के नतीजों के बाद बिहार पर बात करेंगे। प्रशांत किशोर को नीतीश कुमार का करीबी माना जाता है। लेकिन आजकल नीतीश कुमार नागरिकता कानून को लेकर दिए गए उनके बयानों से नाराज बताए जा रहे हैं।

PK, silenced after Nitish's rebuke! After Delhi's results, we will talk on Bihar

दो दिन पहले ही नीतीश कुमार ने साफ किया था कि पार्टी के भीतर अनुशासनहीनता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। इसके लिए उन्होंने पार्टी के महासचिव पवन वर्मा के लिए यहां तक कह दिया था  कि अगर उन्हें कहीं और जाना है तो वह जा सकते हैं। इसके बाद उन्होंने पार्टी के उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर के लिए भी कड़ा संदेश दिया था कि नागरिकता संसोधन कानून को लेकर पार्टी की आम राय थी और इसी पर फैसला किया गया है।

लिहाजा पार्टी के फैसले पर कोई सवाल नहीं किया जा सकता है। हालांकि माना जा रहा है कि पार्टी के भीतर ज्यादातर नेता बयान देने वाले नेताओं के खिलाफ सख्त कार्यवाही करने की मांग कर रहे हैं। वहीं अब प्रशांत किशोर ने बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी के खिलाफ मोर्चा खोला हुआ है। मोदी को नीतीश कुमार का करीब बताया जाता है। लिहाजा मोदी और पीके की लड़ाई में दोनों दलों के बीच रिश्तों में खटास आ रही है।

वहीं अब प्रशांत किशोर ने भाजपा पर तंज कसते हुए कहा है कि दिल्ली में चुनावी बयार बह रही है और इसके नतीजे 11 फरवरी को आने हैं। लिहाजा बिहार की बात  11 फरवरी के बाद करेंगे। इसका मतलब साफ है कि दिल्ली के विधानसभा के चुनाव परिणाम बिहार में  जदयू और भाजपा के बीच गठबंधन को प्रभावित कर चुके हैं। हालांकि अभी तक भाजपा साफ कर चुकी है कि बिहार में नीतीश कुमार की अगुवाई में ही  चुनाव लड़े जाएंगे। पीके ने कहा कि नागरिकता संशोधन अधिनियम और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर पर दिल्ली चुनाव  के परिणाम देश का मूड बताएंगे।

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