नागरिकता कानून पर भारत के खिलाफ आग उगलने वाल पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी तहरीक-ए-इंसाफ के पूर्व विधायक बलदेव सिंह इसके कानून के बन जाने के बाद खुश हैं। पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों पर किस कदर जुल्म ढाए जाते हैं ये बलदेव सिंह से बेहतर कौन समझ सकता है। वह कहते हैं कि मैं अपना शरीर हिंदुस्तान को दान करता हूं।
नई दिल्ली। देश में नागरिकता संशोधन कानून बन जाने के बाद देश ही बल्कि पाकिस्तान के पूर्व सांसद और पूर्व विधायक भी खुश हैं। इनकी मुफलसी का हाल ये है कि पूर्व सांस मूंगफली बेचकर जीवन परिवार चला रहे तो पूर्व विधायक कपड़ों की दुकान में काम कर जीवन यापन कर रहे हैं। क्योंकि ये भारत में शरणार्थी हैं और पाकिस्तान में हुए अत्याचार और शोषण के बाद भारत भाग कर आए हैं।
नागरिकता कानून पर भारत के खिलाफ आग उगलने वाल पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी तहरीक-ए-इंसाफ के पूर्व विधायक बलदेव सिंह इसके कानून के बन जाने के बाद खुश हैं। पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों पर किस कदर जुल्म ढाए जाते हैं ये बलदेव सिंह से बेहतर कौन समझ सकता है। वह कहते हैं कि मैं अपना शरीर हिंदुस्तान को दान करता हूं। उनका कहना है कि उनका जीवन भारत के काम आए यही उनकी कामना है। भारत सरकार ने इस कानून के जरिए उन्हें जीवनदान दिया है।
बलदेव सिंह बड़ी कठिनाईयों से पाकिस्तान से भाग कर आए हैं और कहते हैं कि अगर वह वहां रूक जाते तो उनकी हत्या हो जाती। पूर्व विधायक होने के बावजूद उन्हें पंजाब के खन्ना बाजार में एक कपड़े की दुकान में नौकरी करनी पड़ रही है और इसके ऐवज में उन्हें सात हजार रुपये मिलते हैं। वहीं बेनजीर भुट्टो के शासनकाल में वहां के एमपी रहे डिवायाराम आजकल मूंगफली और कुल्फी बेचकर परिवार का पालन पोषण कर रहे हैं। उनका कहना है कि इस कानून के बन जाने के बाद वह बहुत खुश हैं और इसके लिए वह पीएम नरेन्द्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह का शुक्रिया अदा करते हैं। डिवायाराम हरियाणा के फतेहाबाद के रतनगढ़ गांव में रहते हैं।
उनका कहना है कि जब वह पाकिस्तान में एमपी बने तो उन पर धर्म परिवर्तन का दबाव बनाया गया। लेकिन जब वह मुस्लिम नहीं बने तो उनके परिवार की लड़की को किडनैप कर लिया गया और सुप्रीम कोर्ट के जज ने भी उस लड़की को छोड़ने के बदले धर्म परिवर्तन की शर्त रखी। उनका कहना है कि इसके बाद उन्होंने सांसद के पद से इस्तीफा दिया और एक महीने के वीजा से भारत आए और इसके बाद वापस नहीं पाकिस्तान नहीं गए।