असल में विपक्षी दलों ने इमरान सरकार की कश्मीर पर कूटनीति को लेकर आलोचना की है। विपक्षी दलों का कहना है कि कश्मीर मुद्दे के साथ ही अफगानिस्तान के साथ समझौता करने में इमरान खान विफल साबित हुए हैं।
नई दिल्ली। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान नियाजी अपने ही देश में घिर गए हैं। अब पाकिस्तान के विपक्षी दलों ने इमरान खान को नई पदवी दी है। पाकिस्तान में इमरान खान के विरोधी अब उन्हें नाकारा पीएम की पदवी से नवाज रहे हैं। असल में इमरान खान ने पिछले दिनों दावा किया था कि उनकी सरकार की विदेश नीति अब तक की सबसे सफल रही है। पाक पीएम ने दावा किया था कि वैश्विक मंच पर कश्मीर का मुद्दा पहली बार मजबूती से उठाया गया था, लेकिन इस मुद्दे पर अब विपक्षी दल उन्हें घिर रहे हैं और इमरान खान उनके सवालों के जवाबों से बच रहे हैं।
असल में विपक्षी दलों ने इमरान सरकार की कश्मीर पर कूटनीति को लेकर आलोचना की है। विपक्षी दलों का कहना है कि कश्मीर मुद्दे के साथ ही अफगानिस्तान के साथ समझौता करने में इमरान खान विफल साबित हुए हैं। इमरान खान सरकार को विपक्षी दलों के विरोध का सामना करना पड़ रहा है और विपक्षी दलों के साथ ही जनता उनकी क्षमता पर सवाल उठा रही है। पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो जरदारी ने कहा कि इमरान खान सरकार की विदेश नीति को एक सफलता को देखकर वह चकित हो रहे हैं। क्योंकि सरकार ने कश्मीर मुद्दे पर पूरी तरह से समझौता किया है। भारत भारी वोटों के साथ यूएनएससी का अस्थायी सदस्य बन गया और इमरान खान सरकार खामोश बैठी है।
देश की विदेश नीति पूरी तरह से अप्रासंगिक हो गई। वहीं पाकिस्तान मुस्लिम लीग नवाज (पीएमएल-एन) के ख्वाजा आसिफ ने कहा कि कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान वैश्विक समुदाय का समर्थन हासिल नहीं कर सका। जबकि करीबी देशों ने भी पाकिस्तान का साथ नहीं दिया। जबकि ये देश भारत का साथ दे रहे हैं। लिहाजा देश के नकारा पीएम को इस्तीफा देना चाहिए। उन्होंने कहा कि कश्मीर पाकिस्तान के हाथ से चला गया है जबकि इमरान खान अपनी नीतियों को सफल बता रहे हैं।